बता दें कि 2021 में मध्य प्रदेश द्वारा 2 लाख 8 हजार टन गेहूं का निर्यात किया गया था। वहीं निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा लगातार प्रोत्साहन देने की नीति को अपनाया गई थी। जिसके परिणाम सामने आ रहे हैं। गेहूं निर्यात का फायदा किसानों को मिला है। उनकी उपज की अधिक कीमत भी उन्हें मिली है। साथ ही उन्हें आर्थिक फायदा भी देखने को मिला है। गेहूं के निर्यात में दूसरे स्थान पर गुजरात रहा है। जिसने 4 लाख 7 हजार 616 टन गेहूं निर्यात किए हैं।
ज्ञात हो कि बीते दिनों मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा लगातार केंद्रीय स्तर पर भी मध्यप्रदेश के गेहूं को निर्यात में बढ़ावा देने के लिए बैठक की गई थी। इस दौरान सीएम ने बैठक करते हुए किसानों के हित में गेहूं निर्यात पर कई बड़े फैसले भी लिए थे। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राज्यों को प्रोत्साहित किया गया था। जिनके मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के सहयोग के बाद मध्य प्रदेश गेहूं के निर्यात में अप्रैल 2022 में पहला स्थान पाया है।
सीएम शिवराज द्वारा मध्यप्रदेश के गेहूं की विदेश में पहचान स्थापित करने के लिए कड़ी कार्य योजना तैयार की गई थी। वही सीएम शिवराज लगातार अधिकारियों की बैठक भी ले रहे थे। इससे पहले सीएम शिवराज द्वारा मंत्री पीयूष गोयल के साथ भी निर्यातकों के साथ बैठक की गई थी। जिसमें मुख्य बातों को उठाया गया था। मध्य प्रदेश के किसानों से गेहूं खरीद का निर्यात करने में प्रति सो रुपए पर लगने वाले 1.5 रुपए के मंडी शुल्क प्रतिपूर्ति का निर्णय भी सरकार द्वारा उठाने का निर्णय लिया गया था।
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इतना ही नहीं निर्यातकों को उपज के परिवहन के लिए भी रेलवे परिवहन दिलाने और भंडारण की व्यवस्था के लिए भी नवीन नीति तैयार की गई थी। इस मामले में केंद्र सरकार के डायरेक्टर जनरल ऑफ कमर्शियल इंटेलिजेंट एंड स्टैटिक्स द्वारा गेहूं निर्यात अप्रैल 2022 के आंकड़े जारी किए गए। जिसमें मध्य प्रदेश से 586423 टन गेहूं का निर्यात किया गया है। वहीं May में एक लाख से ज्यादा गेहूं निर्यात किए जा चुके हैं। इसके अलावा दूसरे नंबर पर गुजरात, बंगाल से 185246 टन, उत्तर प्रदेश से 157174 टन और महाराष्ट्र से 57071 टन गेहूं अप्रैल 2022 तक निर्यात किए गए हैं।
इस मामले की जानकारी देते हुए कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव अजीत केसरी ने कहा कि सीएम शिवराज का मकसद ही था कि मध्य प्रदेश के गेहूं को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई जाए। इसके अलावा किसानों को भी आर्थिक मजबूती दी जाए निर्यातकों को प्रोत्साहित करने के लिए शिवराज सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए थे। जिसका असर देखने को मिला है। वहीं केंद्र सरकार के सहयोग से कई व्यवस्थित नीति तैयार की गई थी। ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश का गेहूं वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है। वहीं गेहूं का बड़ा हिस्सा बांग्लादेश श्रीलंका इंडोनेशिया सहित मिश्र आदि देशों में भेजा गया है।