दरअसल शनिवार को सभी मंत्रियों ने अपने इस्तीफे सौंप दिए थे और यह तय किया गया था कि रविवार को अशोक गहलोत मंत्रिमंडल का पुनर्गठन होगा। रविवार शाम नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी। इनमें 11 कैबिनेट और चार राज्य मंत्री शामिल हैं यानी कुल 15 मंत्री शपथ लेंगे।
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इसके पहले सभी विधायकों को कांग्रेस प्रदेश कार्यालय पर दोपहर 2 बजे बुलाया गया है। इसके बाद राज्य भवन में मंत्री शपथ लेंगे। थोड़ी देर पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने मंत्रियों की सूची जारी कर दी है। 2018 में कार्यभार संभालने के बाद पहली बार और तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के नेतृत्व में विद्रोह के लगभग 16 महीने बाद, अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान राज्य सरकार में मंत्रिमंडल में फेरबदल होगा।
कांग्रेस आलाकमान द्वारा अंतिम रूप दिए गए नए मंत्रिमंडल में पांच मंत्री होंगे जिन्हें पायलट के समर्थक के रूप में देखा जा रहा है। पायलट के वफादार रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह मंत्रालय में लौटेंगे, जबकि बृजेंद्र सिंह ओला, हेमाराम चौधरी और मुरारीलाल मीणा मंत्रिमंडल में प्रवेश करेंगे। मुरारीलाल मीणा को राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया जाएगा जबकि अन्य तीन कैबिनेट मंत्री होंगे।
गहलोत कैबिनेट में 12 नए और तीन राज्य मंत्री जिन्हें कैबिनेट रैंक में पदोन्नत किया जा रहा है। तीनों राज्य मंत्री जिन्हें पदोन्नत किया जा रहा है वे अनुसूचित जाति समुदायों से हैं, जिनमें टी भजनलाल जाथव, ममता भूपेश और टीकाराम जूली का नाम शामिल है। अनुसूचित जनजाति समुदाय से तीन मंत्री पूर्व सांसद गोविंद राम मेघवाल और रमेश मीणा कैबिनेट मंत्री और मुरारीलाल मीणा होंगे।
इसी के साथ कैबिनेट विस्तार में कुछ पायलट वफादारों को शांति फॉर्मूले के हिस्से के रूप में शामिल करने के अलावा, फेरबदल स्पष्ट रूप से विधानसभा चुनावों पर केंद्रित नजर आ रह है। बता दें कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव सिर्फ दो साल दूर है, जिसको देखते हुए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों को भी संदेश देने का प्रयास किया जा रहा है।