DGP और इंदौर पुलिस कमिश्नर को राज्य मानव अधिकार आयोग का नोटिस जारी

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इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के डीजीपी और इंदौर के पुलिस कमिश्नर को राज्य मानव अधिकार आयोग ने नोटिस जारी तीन सप्ताह में जवाब मांगा है, दरअसल इंदौर शहर में पुलिसकर्मियों की प्रताड़ना से घबराकर 21 वर्षीय आकाश बाड़िया ने बीते बुधवार को आत्महत्या कर ली थी। मोबाइल में मैसेज और इंस्टाग्राम स्टोरी में एक लाईन का सुसाइड नोट मिला है, इसमे लिखा है, सब इन्सपेक्टर विकास शर्मा एवं टीआई चंदननगर थाना के ये दोनों लोग जिम्मेदार हैं मेरी मौत के। इधर, पुलिस कमिश्नर इंदौर ने कहा कि डीसीपी जोन-1 को जांच के लिये कहा है। दोषी पर सख्त कार्यवाही होगी। मृतक आकाश के बड़े भाई विकास बाड़िया ने बताया, कि आकाश रंजीत सिंह काॅलेज में बीए प्रथम वर्ष का छात्र था। उसकी एक युवती से मित्रता थी। हाल ही में दोनों को ऐरोड्रम थाना क्षेत्र से एसआई विकास शर्मा चंदननगर थाने ले गया था।

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आरोप है कि उसने आकाश से मारपीट की और एनडीपीएस एक्ट में फंसाने व करियर खराब करने की धमकी दी। आकाश ने 16 फरवरी की अपरान्ह 03ः25 बजे सुसाइड नोट अपलोड किया और कुछ देर बाद खुदखुशी कर ली। एरोड्रम टीआई के मुताबिक, जिस युवती का नाम आ रहा है, उसकी नौ फरवरी को गुमशुदगी दर्ज हुई थी। इधर तेजाजीनगर थाना एसआई ने आरोपों को निराधार बताया है। वहीं टीआई चंदननगर का कहना है कि मेरा कोई लेना-देना नहीं है। वैसे भी सुसाइड नोट में पूर्व व वर्तमान टीआई के नाम का उल्लेख नहीं है। इस गंभीर मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने पुलिस महानिदेशक, मध्यप्रदेश एवं पुलिस कमिश्नर, इंदौर से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

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Harpreet Kaur