बालाघाट, सुनील कोरे। बालाघाट न्यायालय (Balaghat Court) के विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) आनंदप्रिय राहुल की अदालत ने कोतवाली आरक्षी केन्द्र के नाबालिग से दुष्कर्म (Rape) मामले में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आरोपी लालबर्रा थाना अंतर्गत नगपुरा निवासी 21 वर्षीय महेन्द्र उर्फ नवनीत दीवान को आजीवन कारावास और सहआरोपी 22 वर्षीय समीर मिर्जा मुस्तफा बालाघाट मुख्य डाकघर के पीछे गौली मोहल्ला निवासी को 20 वर्ष के कारावास सहित दोनो को अर्थदंड से दंडित करने का आदेश दिया है। मामले में अभियोजन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी सरिता ठाकुर ने पैरवी की थी।
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मीडिया प्रभारी एवं सहायक जिला अभियोजन अधिकारी विमल सिंह ने बताया कि नाबालिग स्कूल में पढ़ती थी। जिसकी पहचान आरोपी महेन्द्र उर्फ नवनीत दीवान से एक वर्ष से फेसबुक के माध्यम से हुई थी। फेसबुक में दोस्ती के बाद उनके बीच बातचीत होने लगी। जिसका फायदा उठाकर आरोपी महेन्द्र उर्फ नवनीत 6 अप्रैल 2018 को उससे सांई बेकरी के पास मिला और उसे घुमाने के बहाने अपने साथ चलने कहा, लेकिन नाबालिग ने मना कर दिया। फिर उसने कुछ दूरी पर खड़ी बहन से मिलाने की बात कही, जिसके बाद नाबालिग आरोपी के साथ बैठकर उसकी बहन से मिली। जहां से वह बहन और नाबालिग को बैठालकर तीनो को लेकर चर्च रोड पर दोस्त समीर के कमरे में ले आया। जहां सभी साथ कुछ देर साथ बैठे। जिसके बाद नाबालिग ने कहा कि उसे घर छोड़ दे। जब तक वहां से जिसे आरोपी बहन बता रहा था वह और उसका दोस्त समीर कमरे से चले गये थे और कमरे में नाबालिग और आरोपी महेन्द्र उर्फ नवनीत दोनो थे। जिसका फायदा उठाकर आरोपी ने नाबालिग की इच्छा के विरूद्ध जबदस्ती पहली बार उसके साथ दुष्कर्म किया और धमकी दी कि यदि उसने यह बात किसी को बताई तो वह उसे जान से मार देगा। फिर आरोपी ने नाबालिग को उसकी फोटो वायरल करने की धमकी देकर 8 जुलाई 2018 को फिर अपने पास बुलाया और उसे दोस्त समीर के कमरे में लेकर गया। जहां एक बार फिर आरोपी महेन्द्र उर्फ नवनीत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया।