फोरलेन में गई जमीन, अब दर- दर की ठोंकरे खा रहे आदिवासी

गुना,संदीप दीक्षित। हाईवे के फोरलेन (forelane highway) में अपनी जमीन गंवाने वाले दर्जनों आदिवासी समुदाय (tribal communities) के लोग वर्षों बाद भी दर-दर की ठोंकरे खा रहे है। फोरलेन के लिए इनकी जमीन तो ले ली गई लेकिन न तो इन्हें ठीक से मुआवजा मिला और न ही रहने के लिए जमीन। जबकि मजेदार बात यह है कि ग्राम पंचायत से इनकी पीएम आवास कुटीरें स्वीकृति हो गई। अब सरपंच-सचिव कह रहे हैं कोई प्लॉट लेकर बना लो।

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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”