ग्वालियर, अतुल सक्सेना। भाजपा से निष्कासित नेता प्रीतम लोधी (Pritam Lodhi) ने एक बार फिर बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri of Bageshwar Dham) के खिलाफ विवादित बयान दिया है। ग्वालियर में मीडिया से बात करते हुए प्रीतम लोधी ने धीरेन्द्र शास्त्री को पापी और हत्यारा बताया। प्रीतम ने कहा कि मैंने ददरौआ धाम में धीरेन्द्र शास्त्री की कथा में हुई महिला की मौत की घटना की जांच की मांग की है।
प्रीतम लोधी आज एक बार फिर आक्रोशित नजर आये, उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि धीरेन्द्र शास्त्री का ददरौआ धाम पर कार्यक्रम था, मैंने भी मेहगांव में बाबा साहब के कार्यक्रम के लिए परमिशन मांगी लेकिन मुझे नहीं दी और इसके लिए पुलिस लगा दी पूरी व्यवस्था कर दी , मैं संविधान की बात करना चाहता लेकिन मुझे रोक दिया।
मैंने पहले ही कहा था धीरेन्द्र शास्त्री को बुलाओगे तो कोई घटना होगी
प्रीतम ने कहा कि मेरे पास भी ददरौआ महाराज का संदेशा आया था कार्यक्रम में सम्मान के लिए, लेकिन मैंने कहा कि मैं ऐसे माफिया, हत्यारे, पापी से सम्मान नहीं करना चाहता। मैंने ददरौआ धाम के महंत को सन्देश भिजवाया था कि इस पापी को यहाँ नहीं बुलाओ यदि बुलाओगे तो कोई घटना होगी और वही हुआ , भगदड़ में एक महिला की मौत हो गई और कई घायल हो गए। उन्होंने इस घटना की जांच की मांग की है।
प्रतिमा लोधी ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्री ही तो ऐसे लोगों को लांच कर रहे हैं, जिससे रैलियों में भीड़ जुटाई जा सके, नेताओं को 2023 की चिंता सता रही है। उन्होंने बिना नाम लिए ग्वालियर चम्बल अंचल के बड़े नताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि इन लोगों ने अपनी जागीर समझ ली। धर्म की आड़ मेंवोटबैँक को कन्वर्ट करने का प्रयास है लेकिन 2023 में तारे नजर आ जायेंगे ऐसे लोगों को।
ओबीसी, एससी, एसटी को एकजुट करने निकलेगी जन जागरण यात्रा
प्रीतम लोधी ने कहा कि प्रदेश में जल्दी ही ओबीसी एससी एसटी समाज की जान जागरण यात्रा निकली जाएगी इससे पहले मैं दिल्ली की पदयात्रा पर जा रहा हूँ। इस अंचल के नेताओं ने जितना पैसा कमाया है उसका प्रूफ सहित रिपोर्ट मोदी जी और अमित शाह के सामने रखूँगा। उन्होंने कहा कि मैं तो निकल पड़ा हूँ इसमें यदि मेरी जान भी चली जाये तो कोई बात नहीं। मैंने अपने साथियों से कह दिया है कि मुझे बाबा साहब के चरणों में थोड़ी जगह दे देना। आपको बता दें कि ग्वालियर में मीडिया से बात करने के बाद प्रीतम लोधी उमा भारती से मिलने अमरकंटक के लिए निकल गया।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....