किसान आत्महत्या मामला: पुलिस की जांच को परिजनों ने बताया बेबुनियाद

अशोकनगर, हितेंद्र बुधौलिया। 2 दिन पहले अशोकनगर जिले के ईसागढ़ थाना क्षेत्र के बड़ी पिपरोल गांव के धनपाल यादव की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत को लेकर पुलिस की जाँच संदेह के घेरे में हैं।  भारतीय किसान संघ ने पेट दर्द से किसान की मौत की पुलिस की कहानी पर आपत्ति जताते हुए विरोध कर रहा है , आज शनिवार को मृतक किसान के भाई शिशुपाल ने भी पुलिस की कहानी को मन गढंत बताया।

गौरतलब है कि 2 दिन पहले किसान धनपाल यादव की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हो गई थी परिजनों ने खाद संकट के कारण सल्फास खाकर आत्महत्या करने की बात कही थी। लेकिन धनपाल की चिता की आग ठंडी होने से पहले पुलिस ने खाद संकट से आत्महत्या की बात को सिरे से खारिज करते हुए किसान की मौत को पेट दर्द से एक सामान्य मौत होना बताया था। जिसके बाद किसान संगठनों सहित परिजनों ने इस जांच पर आपत्ति उठाई है। चंद घण्टो में पुलिस ने इस मर्ग में जिन तीन लोगों से पूछताछ की बात कही थी उसमें मृतक धनपाल यादव के भाई, भतीजे एवं पत्नी का हवाला देते हुए बताया था कि इन सभी ने पेट दर्द के इलाज के लिये अस्पताल लाना पुलिस को बताया है ।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....