भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। बचपन में हममें से लगभग सभी ने साइकिल (cycle) चलाई होगी। ये 80-90 के दशक के बच्चों का सबसे फेवरेट फन टाइम था। उस समय साइकिल चलाना और उसपर स्टंट करना बच्चों का सबसे बड़ा शो टाइम होता था। जो बच्चा जितना ज्यादा करतब दिखा सकता, उसे उतना ज्यादा हीरो जैसा सम्मान मिलता था।
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उस समय हर किसी के पास साइकिल भी नहीं होती थी। तब किराए पर साइकिल मिलती थी। और चवन्नी, अठन्नी या रुपया देकर घंटे के हिसाब से इसे किराए पर लिया जाता था। कई लोगों ने तो किराए से लेकर ही साइकिल चलाना भी सीखा है। उस समय लड़कियों की और लड़कों की साइकिल अलग अलग होती थी। लेडीज़ साइकिल और जेंट्स साइकिल का अपना अलग अलग रुआब था। साइकिल चलाने के भी कई तरीके हुआ करते थे और जिसे जितनी तरह से उसे चलाना आता, वो खुद को उतना बड़ा तीसमार खां समझता।