Kamal Nath and congress delegation met the Governor : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने महामहिम राज्यपाल से मुलाक़ात। इस दौरान उन्होने प्रदेश में आदिवासियों पर लगातार हो रहे अत्याचार के विरोध में ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस पहले ही कह चुकी है कि वो इस मुद्दे को मध्यप्रदेश विधासनभा के मानसून सत्र में भी उठाएगी।
राज्यपाल से मुलाकात करके निकले कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश में लगातार आदिवासियों पर अत्याचार हो रहे हैं। रोजाना ऐसे नए मामले सामने आ रहे हैं। इन्हीं अत्याचार को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन दिया गया है। उन्होने कहा कि सीधी की घटना ने प्रदेश को देश भर में शर्मसार किया है। कांग्रेस ने राज्यपाल से अपील की है कि वे आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए खुद आगे आएं। क्योंकि राज्यपाल स्वयं आदिवासी वर्ग से आते हैं, इसलिए उन्होने मांग की है कि वे आगे आकर आदिवासियों की रक्षा के लिए कदम उठाएं।
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कांग्रेस का ज्ञापन
‘मध्यप्रदेश देश का ऐसा राज्य है, जहां सबसे बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के नागरिक निवास करते हैं। मध्यप्रदेश के समाज, संस्कृति, संस्कार और परम्पराओं में आदिवासी समुदाय का उललेखनीय योगदान हैं। आदिवासी समुदाय मध्यप्रदेश के सामाजिक जीवन का अभिन्न और अति महत्वपूर्ण अंग है। लेकिन देखने में आ रहा हैं कि भारतीय जनता पार्टी की 18 साल की सरकार में आदिवासी समुदाय के ऊपर अत्याचार दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। भाजपा सरकार में आदिवासी उत्पीड़न के 30,000 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं, जबकि इससे बड़ी संख्या ऐसे मामलों की है जो प्रकाश में नही आ सके। आपने देखा होगा कि हाल ही में प्रदेश के सीधी जिले में एक आदिवासी युवक के ऊपर पेशाब करने की घटना सामने आई। घटना का मुख्य आरोपी भाजपा नेता था और भाजपा विधायक का विधायक प्रतिनिधि था । उक्त घटना से पूरे देश में मध्यप्रदेश शर्मसार हुआ है। इसके पूर्व नीमच में आदिवासी युवक को गाड़ी से बांधकर घसीटकर हत्या करने का मामला पूरी दुनिया ने देखा। नेमावर में आदिवासी युवती और उसके परिवार के 5 लोगों को जिंदा गाड़ देने का भीषण कृत्य भी मध्यप्रदेश की माटी को देखना पड़ा । सीधी जिले में घटित हुई घटना के कुछ घंटों में ही इंदौर के महू से दो आदिवासी युवकों को बुरी तरह पीटे जाने का वीडियों भी सामने आया। माननीय, यहां केवल उन घटनाओं का जिक्र किया गया हैं जो अत्यंत अमानवीय थीं और जिन्हें पूरी दुनिया ने देखा । यह घटनाएं ना सिर्फ मानवता को शर्मसार करती हैं, बल्कि पूरी दुनिया के सामने मध्यप्रदेश की एक ऐसी तस्वीर पेश करती हैं जिनसे लगता है कि मध्यप्रदेश आदिवासियों पर अत्याचार करने वाले लोगों का प्रदेश बन गया हैं।’
‘मान्यवर आदिवासी समुदाय की पीड़ा, वंचना और संघर्ष को आप जैसा संवेदनशील व्यक्ति अच्छी तरह समझ सकता है। लेकिन हमारा दुखः तब और बढ़ जाता है जब आदिवासियों पर अत्याचार सत्ताधारी दल के नेताओं के द्वारा या उनके संरक्षण में किए जाते हैं। प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार का आदिवासी विरोधी रवैया इस बात से भी समझा जा सकता है कि आदिवासी कल्याण का बजट राजनीतिक स्वरूप की सरकारी रैलियों पर खर्च कर दिया जाता है। अनुसूचित जनजाति के लोग अपने लिए बनाए गए अजाक थानों में शिकायत कराते हैं, लेकिन उन थानों का बजट भी शासन ने स्वीकृत नहीं किया है । अगर अपराध सामने आता है तो सत्ताधारी लोग उसे दबाने में लग जाते हैं। इस तरह से मध्यप्रदेश की सरकार और राजनीतिक तंत्र एक ऐसा घृणा और अन्याय का वातावरण पैदा कर रहा है जिसमें आदिवासी समुदाय के प्रति अत्याचार दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं। आपसे अनुरोध है कि प्रदेश के संवैधानिक मुखिया होने के नाते आप इस मामले में अपनी शक्तियों का प्रयोग करें और सरकार को आदिवासी अत्याचार रोकने के लिए आदेशित करें । कांग्रेस पार्टी मुख्य विपक्षी दल होने के नाते हर स्तर पर इन अत्याचारों का विरोध कर रही है और जो भी संभव सहायता है, वह आदिवासी समुदाय के पीड़ित व्यक्तियों को उपलब्ध करा रही हैं आपका हस्तक्षेप इसलिए जरूरी है कि यह मामला आदिवासी समुदाय की स्वतंत्रता का है, सुरक्षा का है, सम्मान का है, मध्यप्रदेश की प्रतिष्ठा का है और मानवता की रक्षा का है । आपसे तत्काल कार्यवाही की अपेक्षा के साथ।’
About Author
श्रुति कुशवाहा
2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।