टीकमगढ़, डेस्क रिपोर्ट। आज एक बार फिर लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत (Bribe) लेते हुए सरकारी अधिकारी को गिरफ्तार किया है। लोकायुक्त ने टीकमगढ़ कलेक्ट्रेट में छापा मारते हुए ट्रेजरी अफसर और असिस्टेंट ट्रेजरी अफसर को 10,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार (Treasury officer arrested taking bribe of Rs 10000) किया है। ट्रेजरी अधिकारी एक रिटायर्ड स्वास्थ्य अधिकारी से बिल पास करने के बदले रिश्वत मांग रहे थे।
टीकमगढ़ कलेक्ट्रेट में आज उस समय हड़कंप मच गया जब वहां स्थित ट्रेजरी ऑफिस में लोकायुक्त सागर पुलिस (Sagar Lokayukta Police) की टीम ने छापा मारकर ट्रेजरी अफसर विभूति अग्रवाल और असिस्टेंट ट्रेजरी अफसर शिवराम प्रजापति को 10,000 रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया।
जानकारी के अनुसार टीकमगढ़ के प्रभारी सीएमएचओ पद से बहुत पहले रिटायर हुए डॉ शिवेंद्र चौरसिया अपने बिलों के भुगतान के लिए ट्रेजरी के चक्कर लगा रहे थे। उनके जीपीएफ, ग्रेच्युटी, मेडिकल बिल सहित अन्य बिलों की राशि करीब 43 लाख रूपए के बिलों का भुगतान कोषालय यानि ट्रेजरी से होना था।
उन्होंने कई बार अधिकारियों से कहा लेकिन ट्रेजरी अफसर विभूति अग्रवाल और असिस्टेंट ट्रेजरी अफसर शिवराम प्रजापति उनसे रिश्वत मांग रहे थे। डॉ चौरसिया ने बातचीत के समय ही 5 हजार रुपये रिश्वत के दे दिए और बिलों के भुगतान का निवेदन किया। लेकिन 10 हजार रुपये की फिर मांग की गई।
ट्रैप की कार्रवाई को लीड कर रहे डीएसपी राजेश खड़े ने बताया कि डॉ चौरसिया ने लोकायुक्त सागर पुलिस को 26 अगस्त को इसकी शिकायत की। लोकायुक्त ने टेप रिकॉर्डर देकर रिश्वत मांगने की बातचीत रिकॉर्ड करने के लिए कहा, बातचीत में आज मंगलवार का दिन 10,000 रुपये की रिश्वत देने के लिए फाइनल हुआ।
आज लोकायुक्त सागर पुलिस की टीम के साथ डॉ शिवेंद्र चौरसिया कलेक्ट्रेट पहुंचे वहां उन्होंने ट्रेजरी अफसर विभूति अग्रवाल को जैसे ही रिश्वत की राशि 10,000 रुपये दिए, पहले से तैयार लोकायुक्त की टीम ने उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया, लोकायुक्त ने असिस्टेंट ट्रेजरी अफसर शिवराम प्रजापति को सह आरोपी बनाया और दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....