Asia Largest Tulip garden Srinagar: भारत के जम्मू कश्मीर को ऐसे ही धरती का स्वर्ग नहीं कहा जाता है। यहां की खूबसूरत वादियां आने वाले पर्यटकों को इसका एहसास भी करवाती है। घूमने फिरने के लिहाज से यहां एक से बढ़कर एक पर्यटक स्थल मौजूद हैं, जहां स्थानीय लोगों के साथ देश विदेश से भी लोग पहुंचते हैं।
कश्मीर की वादियों की सुंदरता हमेशा ही यहां आने वाले पर्यटकों को हैरान करती है। यहां पर एक बहुत खूबसूरत ट्यूलिप के फूलों की घाटी है जो हर साल अपनी खूबसूरती से पर्यटकों का स्वागत करती है। 19 मार्च से इस जगह को पर्यटकों के लिए एक बार फिर से खोल दिया गया है। लगभग 16 लाख फूलों की कुछ भी पर्यटकों को मोहित करने वाली है।
डल झील और जबरवान की पहाड़ियों के बीच एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन मौजूद है। इस जगह का नाम इंदिरा गांधी के नाम पर रखा गया है और इस साल इसमें फूल पूरी तरह से खिल गए हैं और पर्यटकों का स्वागत करने के लिए बिल्कुल तैयार है।
यहां आने वाले पर्यटकों के लिए गार्डन को पूरी तरीके से तैयार कर लिया गया है और इंजीनियरिंग समेत पोषक तत्वों का छिड़काव कर मामूली मरम्मत की तैयारियां टयूलिप शो से पहले की जा चुकी है।
यहां आने वाले पर्यटकों को टयूलिप के फूलों के अलावा वसंत के फूल, डैफोडिल, मस्करी, जलकुंभी और स्लाइक्लेमेन जैसी चीजें देखने को मिलने वाली है। हर साल इस गार्डन का विस्तार किया जाता है और इस साल यहां पर फाउंटेन चैनल बनाया गया है।
इस फाउंटेन चैनल में पीले, लाल, बैंगनी, क्रिम्सन समेत अन्य ट्यूलिप फूलों की इंद्रधनुष के रंगों जैसी प्रदर्शनी लगाई जाने वाली है। खूबसूरत वादियों के बीच बने इस गार्डन की सुंदरता अक्सर ही लोगों को मोहित करती है। इस सीजन में यहां लोगों की भारी भीड़ देखी जाती है।
पूर्व में इस जगह को सिराज बाग के नाम से पहचाना जाता था लेकिन आज इंदिरा गांधी मेमोरियल टयूलिप गार्डन के नाम से प्रसिद्ध इस जगह को साल 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने खोला था। सर्दी और गर्मी के मौसम के बीच यहां कम पर्यटक आते थे इसी को देखते हुए इस जगह की शुरुआत की गई थी ताकि लोग यहां आकर्षित होकर पहुंचे।
यहां उगने वाले टयूलिप के फूल 3 से 5 सप्ताह तक खिले रहते हैं और इसके लिए यहां काम करने वाला स्टाफ साल भर तक कड़ी मेहनत करता है और कोशिश यही की जाती है कि साल दर साल इस गार्डन की सुंदरता और भी बढ़ती जाए।
मई जून में होती है ट्यूलिप गार्डन की कटाई
मार्च और अप्रैल में यहां फूलों के प्रदर्शन के चलते पूरा स्टाफ बिजी रहता है। फूलों में बीमारियों की जांच की जाती है और इसके बाद मई और जून में कटाई शुरू की जाती है जिसमें 3 महीने का वक्त लगता है।
अक्टूबर में मिट्टी की खुदाई करके खाद डाली जाती है और नवंबर में ट्यूलिप लगाए जाते हैं। साल भर इनकी बागवानी की जाती है क्योंकि यह बहुत नाजुक फूल है इसलिए कम तापमान में ही खिल पाते हैं।
यह खूबसूरत टयूलिप गार्डन 52.5 हेक्टेयर में फैला हुआ है और साल दर साल इस में उगने वाले ट्यूलिप की संख्या बढ़ती जा रही है। सबसे पहले यहां पर 50000 फूल आए थे और अब यह संख्या 16 लाख पर पहुंच चुकी है।
आएंगे 5 लाख पर्यटक
श्रीनगर का यह गार्डन देश-विदेश के पर्यटकों के बीच बहुत ही लोकप्रिय है और हर साल बड़ी संख्या में यहां पर पर्यटकों का जमावड़ा लगता है। पिछले साल यहां पर 3.30 लाख पर्यटक गार्डन की सैर करने के लिए पहुंचे थे और इस बार 500000 पर्यटकों के आने की उम्मीद जताई जा रही है। इस गार्डन में उगने वाले टयूलिप के फूल कश्मीर की हसीन वादियों में बेहतरीन नजारा पेश करते हैं।
About Author
Diksha Bhanupriy
"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है।
मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।