साहित्यिकी : आइये पढ़ें रूस के महान कहानीकार अन्तोन चेख़व की कहानी ‘एक छोटा सा मजाक’

‘आज शनिवार है और हम अपने पढ़ने की आदत को बेहतर करने के क्रम में कुछ अच्छा पढ़ेंगे। साहित्य हमेशा ही सीखने के लिए बेहतरीन माध्यम है। अगर हम विश्व साहित्य की बात करें तो दुनियाभर में कमाल के रचनाकार हुए हैं। इसी श्रेणी में शामिल हैं अन्तोन पाव्लविच चेख़व जो रूसी कथाकार और नाटककार हैं। 29 जनवरी,1860 को जन्मे चेख़व ने रूसी भाषा को चार कालजयी नाटक दिए। वहीं उनकी कहानियों के दुनियाभर में अलग अलग भाषाओं में अनुवाद हुए और विश्व के समीक्षकों और आलोचकों ने इन कहानियों को बहुत सम्मान के साथ सराहा है। आज हम पढ़ेंगे इनकी हिंदी में अनुदित कहानी।’

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                                                    एक छोटा सा मजाक

सरदियों की ख़ूबसूरत दोपहर… सरदी बहुत तेज़ है. नाद्या ने मेरी बांह पकड़ रखी है. उसके घुंघराले बालों में बर्फ़ इस तरह जम गई है कि वे चांदनी की तरह झलकने लगे हैं. होंठों के ऊपर भी बर्फ़ की एक लकीर-सी दिखाई देने लगी है. हम एक पहाड़ी पर खड़े हुए हैं. हमारे पैरों के नीचे मैदान पर एक ढलान पसरी हुई है जिसमें सूरज की रौशनी ऐसे चमक रही है जैसे उसकी परछाई शीशे में पड़ रही हो. हमारे पैरों के पास ही एक स्लेज पड़ी हुई है जिसकी गद्दी पर लाल कपड़ा लगा हुआ है.


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।