भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आज अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस (International Sign Language Day 2022) है। हाथों, चेहरे और शरीर के हाव भाव से बातचीत करने की भाषा को सांकेतिक भाषा कहा जाता है। दुनिया में करोड़ों लोग हैं जो बोलने सुनने की क्षमता से वंचित हैं या कमजोर हैं। साइन लैंग्वेज मूक बधिरों की महत्वपूर्ण भाषा है। अन्य भाषाओं के तरह सांकेतिक भाषा के भी अपने व्याकरण और नियम हैं। इस साल इस साल अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा की थीम ‘साइन लैंग्वेज यूनाइट अस’ है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी साइन लैंग्वेज का महत्व बताते हुए शुभकामनाएं दी हैं।
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अंतरराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस की स्थापना विश्व बधिर महासंघ (World Federation of Deaf) द्वारा की गई थी।23 सितंबर का दिन चुनने के पीछे कारण है..दरअसल 23 सितंबर 1951 में विश्व बधिर महासंघ की स्थापना हुई थी। संयुक्त राष्ट्र ने साल 2017 में निर्णय लिया कि इस भाषा को सम्मान देने और इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस मनाया जाएगा। इसके बाद साल 23 सितंबर 2018 से इसे मनाने की शुरुआत हुई। आज सीएम शिवराज ने शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि संकेतों में अपनी बात कहने वालों में एक अनूठा अपनापन, सरलता और सहजता होती है। ये प्रेम और अपनेपन का सागर होते हैं। मेरे मूक-बधिर सभी भाई-बहनों के जीवन में सुख, शांति और आनंद हो, जीवन सानंद व्यतीत हो, यही शुभकामनाएं।’