साहित्यिकी : आइये पढ़ें राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की प्रसिद्ध कविताएं

‘आज शनिवार है पढ़ने का दिन। साहित्यिकी श्रृंखला में आज हम पढ़ेंगे मैथिलीशरण गुप्त की एक कविता। मैथिलीशरण गुप्त हिंदी के प्रसिद्ध कवि हैं। खड़ी बोली के वे पहले महत्वपूर्ण कवि माने जाते हैं। उन्हें साहित्य जगह में प्रेम और सम्मान  से दद्दा नाम से संबोधित किया जाता था और महात्मा गांधी ने उन्हें राष्ट्रकवि की पदवी भी दी थी। 3 अगस्त उनकी जयंती पर हर साल कवि दिवस मनाया जाता है। आइये पढ़ते हैं उनकी कुछ कविताएं।’

चारुचंद्र की चंचल किरणें

चारुचंद्र की चंचल किरणें, खेल रहीं हैं जल थल में,
स्वच्छ चाँदनी बिछी हुई है अवनि और अम्बरतल में।
पुलक प्रकट करती है धरती, हरित तृणों की नोकों से,
मानों झूम रहे हैं तरु भी, मन्द पवन के झोंकों से॥

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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।