रायपुर, डेस्क रिपोर्ट। एक तरफ छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन समेत कई संगठन केन्द्र के समान 34% महंगाई भत्ता वृद्धि और एचआरए की मांग कर रहे है वही दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों का गृह भाड़ा भत्ता-HRA बढ़ा दिया है।यह बढ़ोतरी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर हुई है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने पिछले सप्ताह यह आदेश जारी किया था। इसके मुताबिक जुलाई 2017 में जारी केंद्रीय वित्त मंत्रालय के कार्यालय ज्ञापन के मुताबिक महंगाई भत्ता 25% से अधिक होने पर अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों का गृह भाड़ा भत्ता सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुपात में बढ़ाया जाना है। इसके लिए एक्स, वाई और जेड श्रेणी के शहरों के लिए क्रमश: 27%, 18% और 9% की दर तय हुई थी। अभी अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों का महंगाई भत्ता 25% से ऊपर है। ऐसे में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक गृह भाड़ा भत्ते की नई दरें स्वीकृत की जाती हैं।
बता दे किआईएएस, आईपीएस और आईएफएस जैसे ऑल इंडिया सर्विस के अधिकारियों का आवास भत्ता वृद्धि भारत सरकार करती है और राज्य सरकार आदेश निकालकर उसे लागू करती है। छत्तीसगढ़ के कर्मचारी, अधिकारी भी लंबे समय से HRA वृद्धि की मांग कर रहे हैं। पिछले दिनों अखिल भारतीय सेवा के अफसरों का महंगाई भत्ता भी बढ़ा दिया गया। उनको 31% तक कर दिया गया है। यही नहीं उसमें एरियर भी शामिल है।
इधर, राज्य सरकार के इस आदेश के जारी होते ही कर्मचारियों में आक्रोश बढ गया है।चुंकी छत्तीसगढ़ के 4 लाख से अधिक कर्मचारी और अधिकारी 34% महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के हिसाब से एचआरए के लिए 22 अगस्त से आंदोलन कर रहे हैं और यह आदेश 22 को ही जारी किया गया है।। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन का कहना है यही तो दुर्भाग्य है। हम लोगों को इसी भत्ते को लेकर कई महीनों से आंदोलन कर रहे है और 9 दिनों से हड़ताल पर हैं। यह आदेश भी उस दिन जारी हुआ जिस दिन कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे थे। यह दोहरा बर्ताव है।
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Pooja Khodani
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"कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ।
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(पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)