भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश सांची दुग्ध महासंघ (Madhya Pradesh Sanchi Milk Federation) अब बाजार में बकरी का दूध बेचने जा रहा है। 150 रू प्रति लीटर बिकने वाले इस दूध की लॉन्चिंग जनजाति गौरव दिवस से होगी। बकरी पालन को प्रोत्साहित करने के लिए आदिवासियों की सहकारी समितिया भी बनाई जा रही है।
अक्सर प्लेटलेट्स की कमी होने पर डॉक्टर बकरी का दूध पीने की सलाह देते हैं। औषधीय गुणों से भरपूर बकरी के दूध को अब राज्य सरकार भी बेचने का काम करेगी। मध्य प्रदेश सांची दुग्ध महासंघ के इंदौर और जबलपुर(Indore and Jabalpur) डिपो से इसकी शुरुआत होने जा रही है। 15 नवंबर से इसका विधिवत विक्रय शुरू होगा और इसकी शुरुआती कीमत ₹150 लीटर रखी गई है। सांची महासंघ ने अभी बकरी का दूध एकत्र शुरू करना प्रारंभ कर दिया है।
मध्यप्रदेश के बालाघाट, सिवनी, झाबुआ और बड़वानी जिलों से बकरी का दूध इकट्ठा किया जा रहा है। फिलहाल इसे कांच की बोतल में बेचे जाने की योजना है। सांची महासंघ में इसके लिए एक टीम को बेंगलुरु मे विस्तारा फार्म प्राइवेट लिमिटेड के दौरे पर भेजा था और वहां पर बकरी के दूध को निकालने से लेकर उसके विक्रय तक की पूरी प्रोसेसिंग का अध्ययन करने के बाद सान्ची महासंघ अब यह काम करने जा रहा है। बाजार में बकरी का दूध 300 से 350 रू प्रति लीटर मिलता है।
बकरी के दूध के फायदे के घर बात करें तो यह अद्भुत औषधीय गुणों से लैस है। बकरी का दूध प्रीबायोटिक और एंटी इंफेक्शन गुणों से लैस होता है। इसके अंदर मौजूद एक प्रीबायोटिक आंतो में गुड बैक्टीरिया बढ़ाने में मदद करता है। जहां मां के दूध में केवल 5 फ्री बायोटिक होते हैं वही बकरी के दूध में 14 प्री बायोटिक होते हैं। इस दूध में मौजूद वसा को ग्लूटेन नाम का कंपाउंड एकत्र नहीं होने देता। बकरी के दूध में सेलेनियम, नियासिन और विटामिन ए की मात्रा ज्यादा होती है। इस दूध में दिमाग की शक्ति बढ़ाने की क्षमता वाले तत्व होते हैं।