Mahashivratri 2023 : “देवाधिदेव शंकर” जिनका दर्शन ही निर्वाण है

Mahashivratri 2023 : “नमामीशमिशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद: स्वरुपम्। निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाश मकाशवासं भजेऽहम्‌ ॥”

जिसका रूप ही निर्वाण हो। जो अखिल ब्रह्मांड में व्याप्त हो। जो चर अचर सब में हो। जो केवल सत्य हो और सत्य होने के कारण ही सुंदर हो। वह तो आदिदेव शंकर ही हैं। शंकर अनादि हैं। उनके जीवन मरण का कोई प्रश्न ही नहीं। जब वाद से तत्व बोध हो जाए। और तत्व बोध से सत्य का बोध हो जाए। तभी तो वह चंद्रचूड़ अर्थात शिव होता है।


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Kashish Trivedi

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