दरअसल, वर्तमान में कर्मचारियों को 2.57 प्रतिशत के आधार पर फिटमेंट फैक्टर के तहत वेतन मिल रहा है और कर्मचारी लंबे समय से इसे बढ़ाकर 3.68 प्रतिशत करने की मांग कर रहे है। ताजा मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो केंद्र सरकार कर्मचारियों की इन मांगों पर गंभीरता से विचार कर रही है और जल्द फिटमेंट फैक्टर पर फाइनल फैसला लिया जा सकता है।यदि फिटमेंट फैक्टर बढ़ता है तो सैलरी में 8 हजार का इजाफा होगा और बेसिक सैलरी 18000 से बढकर 26000 हो जाएगी।इससे पहले 2016 में फिटमेंट फैक्टर बढ़ाया गया था और न्यूनतम बेसिक सैलरी 6,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये की गई थी।अब अगर फिर बढोतरी की जाती है तो सैलरी 26000 हो जाएगी।
उदाहरण के तौर पर, अगर फिटमेंट फैक्टर 3.68 फीसदी होता है बेसिक सैलरी 26 हजार रुपये हो जाएगी।कर्मचारी की बेसिक सैलरी को 7वें वेतन आयोग के फिटमेंट फैक्टर 2.57 से गुणा करके निकाला जाता है। फिटमेंट फैक्टर बढ़ने से न्यूनतम वेतन भी बढ़ेगा। यदि किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है, तो भत्तों को छोड़कर उसकी सैलरी 18,000 X 2.57= 46,260 रुपए का लाभ होगा।3.68 होने पर सैलरी 95,680 रुपये (26000 X 3.68 = 95,680) हो जाएगी यानि सैलरी में 49,420 रुपए लाभ मिलेगा।अगर इसे बढ़ाकर 3 किया जाता है तो बेसिक सैलरी 21000 रुपए होगी।
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बता दे कि कर्मचारियों को मिलने वाली सैलरी में फिटमेंट फैक्टर का अहम रोल होता है। इस फैक्टर के कारण ही केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में ढाई गुना से अधिक की बढ़ोतरी होती है। 7वें वेतन आयोग में जो Pay matrix बने है वे Fitment factor पर बेस्ड हैं। जून 2017 में 34 संशोधनों के साथ सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी के बाद एंट्री लेवल बेसिक पे 7,000 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 18,000 रुपये किया गया था, जबकि उच्चतम स्तर यानी सचिव को 90,000 रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये किया गया था।