Vande Bharat Train: रेलवे ने एक बड़ा फैसला लेते हुए करीब तीन महीने पहले शुरू हुई रानी कमलापति – जबलपुर वंदे भारत ट्रेन का रीवा तक बढ़ा दिया है, रेलवे ने अधिकारिक रूप से इसकी जानकारी शेयर कर ट्रेन के नए शेड्यूल की जानकारी साझा की है, परिवर्तित शेड्यूल के साथ अब ये ट्रेन जबलपुर से नहीं रीवा से रानी कमलापति स्टेशन के बीच चलेगी। 10 अक्टूबर यानि कल से ट्रेन का नया टाइम टेबल लागु हो जायेगा।
पीएम मोदी ने 27 जून को दिखाई थी हरी झंडी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 जून को मध्य प्रदेश को दो नई वंदे भारत एक्सप्रेस की सौगात दी थी, इसमें एक रानी कमलापति जबलपुर और दूसरी रानी कमलापति इंदौर वंदे भारत एक्सप्रेस शामिल थी, 28 जून से दोनों ट्रेनों का विधिवत संचालन शुरू हो गया , अब रेलवे ने इसमें से रानी कमलापति – जबलपुर वंदे भारत ट्रेन को रीवा तक बढ़ा दिया है।
Continue Reading
सुबह साढ़े पांच बजे रीवा स्टेशन से होगी रवाना
रेलवे ने गाड़ी संख्या 20173/20174 रानी कमलापति – जबलपुर वंदे भारत एक्सप्रेस का नया शेड्यूल जारी कर दिया है , नए शेड्यूल के मुताबिक अब ये ट्रेन सुबह साढ़े पांच बजे रीवा स्टेशन से रवाना होगी और सतना, मैहर, कटनी होकर जबलपुर सुबह 8:45 पर पहुंचेगी यहाँ 10 मिनट रुकने के बाद ट्रेन नरसिंहपुर, पिपरिया और नर्मदापुरम होते हुए 13:30 बजे रानी कमलापति स्टेशन पहुंचेगी।
15:30 बजे रानी कमलापति स्टेशन से चलेगी वंदे भारत ट्रेन
वापसी में ये ट्रेन 15:30 बजे रानी कमलापति स्टेशन से रवाना होगी, फिर वापसी में नर्मदापुरम, पिपरिया, नरसिंहपुर होते हुए रात 20:00 बजे जबलपुर पहुंचेगी, यहाँ 10 मिनट रुकने के बाद फिर कटनी, मैहर, सतना होते हुए रत 23:30 बजे रीवा पहुंचेगी।
सर्वे के आधार पर यात्रियों की मंशा जानकर रेलवे ने लिया ये फैसला
गौरतलब है कि जब से ट्रेन जबलपुर से शुरू हुई तब से इसमें कम यात्री संख्या रेलवे को परेशान कर रही थी , रेलवे ने पिछले दिनों इसका किराया भी कम किया था, जब आशानुरूप परिणाम सामने नहीं आये तो जबलपुर रेल मंडल के कमर्शियल विभाग ने कुछ समय पूर्व ट्रेन का रूट, समय और सुविधा को लेकर एक सर्वे कराया था। जिसमें अधिकांश लोगों ने इसे रीवा तक बढ़ाने की इच्छा जाहिर की थी जिसके आधार पर अब रेलवे ने इस पर निर्णय ले लिया है।
About Author
Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....