Gwalior News : एंटी माफिया अभियान के तहत आज ग्वालियर जिला प्रशासन ने गुप्तेश्वर पहाड़ी पर वन विभाग की जमीन पर कब्ज़ा कर रहे लोगों को बेदखल कर दिया। वन विभाग के अनुरोध पर जिला प्रशासन की टीम ने नगर निगम और पुलिस के सहयोग से करीब 15-20 निर्माणों को ढहा दिया। अतिक्रमण से मुक्त कराई गई वन विभाग की जमीन की कीमत करोड़ों रुपये बताई जा रही है।
ग्वालियर शहर के आसपास बने पहाड़ों पर माफिया की नजर है यही कारण हैं कि माफिया या तो उसे खोखला कर रहा है या गैरकानूनी तरीके से बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहा है, गुप्तेश्वर पहाड़ी भी पिछले कई वर्षों से माफिया के निशाने पर हैं यहाँ बहुत से लोगों ने अवैध निर्माण कर लिए हैं।
वन विभाग के डीएफओ मनोज कटारे के मुताबिक ये वन विभाग की जमीन है जिसपर लोगों के कब्जे किये हुए हैं , इन्हें 2011 से पहले से कई बार नोटिस दिए गए , अंतिम बेदखली का नोटिस भी दिया गया लेकिन इन लोगों ने अपने अवैध निर्माण नहीं हटाये। आज जिला प्रशासन की मौजूदगी में वन विभाग की जमीन अतिक्रमण से मुक्त कराई गई है।
एसडीएम प्रदीप तोमर की मौजूदगी में ये कार्यवाही की गई, उन्होंने कहा कि गुप्तेश्वर मंदिर माफ़ी औकाफ का है और पहाड़ के आसपास की जमीन वन विभाग की है जिस पर लोगों ने कब्ज़ा कर लिया था, आज इस अतिक्रमण को हटा कर करीब 5 करोड़ रुपये की जमीन अवैध कब्जे से मुक्त कराई है। एसडीएम प्रदीप तोमर ने बताया है कुछ लोगों ने नोटरी बनवाकर मकान बनाए थे। ऐसे में पता लगाया जा रहा है जिन लोगों ने नोटरी बनवाकर जमीन बेची है। उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....