इंदौर, आकाश धोलपुरे। 1997 से 2015 तक नगर निगम इंदौर के लेखा विभाग पदस्थ एक अस्थाई कर्मचारी 2016 में स्थायी कर्मचारी के रूप में नियुक्त हो जाता है और उसके बाद जब EOW को एक शिकायत मिलती है तो छापेमारी में चल अचल संपत्ति की कीमत 1 करोड़ रुपये से अधिक पाई जाती है। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि करीब 24 साल तक औसत 20 हजार रुपये प्रति माह कमाने वाले निगम कर्मचारी ने कितना भ्रष्टाचार किया होगा।
दरअसल, गुरुवार को इंदौर में EOW ने बड़ी कार्यवाही को अंजाम देकर इंदौर नगर निगम के लेखा विभाग में पदस्थ राजकुमार साल्वी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में मिली शिकायत के आधार पर कार्रवाई की है। EOW ने साल्वी के अम्बिकापुरी स्थित मकान पर छापामार करवाई जारी है , शुरूआती जाँच में तीन प्लाट, मकान औऱ सीता कालोनी में एक फ्लैट के दस्तावेज ईओडब्ल्यू (EOW) ने जब्त कर लिए है। इसके अलावा घर में एक लक्जरी कार और बैंक खातों से अकूत धन संपत्ति की जानकारी मिली है।
फिलहाल, ईओडब्ल्यू (EOW) की निगमकर्मी के तीन ठिकानों पर एक साथ करवाई जारी है। ईओडब्ल्यू के डीएसपी अजय जैन की माने तो 1997 से नगर निगम की लेखा विभाग में पदस्थ राजकुमार साल्वी के घर सहित अन्य स्थानों पर छापा मार कार्रवाई के दौरान सोने चांदी के आभूषण सहित 1 करोड़ से अधिक की संम्पति के कागजात और ब्योरा मिला है और वास्तविक जानकारी पूरी कार्रवाई के बाद ही मिल पाएगी।
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Atul Saxena
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पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....