बढ़ेगी छात्रों की चिंता! किताब- कॉपियों पर भी होगा महंगाई का असर, जाने कारण   

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। सभी क्षेत्र में नोटबुक्स का इस्तेमाल किया जाता है। यूक्रेन और रूस के युद्ध के कारण पहले से महंगाई बढ़ती जा रही है, इसी बीच कागजों और किताब कॉपियों की कीमत भी बढ़ सकती है। संभावनाएं है कि आने वाले दिनों में स्कूल और कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों और उनके अभिभावकों की परेशानी बढ़ सकती है। दरअसल, सूत्रों के मुताबिक कॉपी और किताबों के दामों में बढ़ोतरी की जाएगी। जैसा की नई शिक्षा नीति को पूरे देश भर में लागू किया जाएगा, जिसके कारण पुरानी किताबों का भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। मई – जून तक लिखावट वाले पेपर की कीमत ₹100 प्रति किलोग्राम तक बढ़ाई जा सकती है।

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मई के दूसरे हफ्ते से कच्चे माल  में की कीमत बढ़ाई जाएगी, जिससे कागजों की कीमत में बढ़ोतरी हो सकती है।  इसका कारण तेल और कोयले के बढ़ते दामों से भी जाए बताया जा रहा है। कोरोना महामारी के कारण पहले ही पेपर इंडस्ट्री घाटे में था, और यूरोपियन यूनियन ने waste cutting पर फिलहाल के लिए प्रतिबंध लगा दिए हैं, जिससे क्राफ्ट पेपर का कारोबार भी प्रभावित हो सकता है। पुराने अखबारों के  रीसरकुलेशन में 35% की गिरावट देखी गई थी।


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Manisha Kumari Pandey

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