न प्रशासन को समय न नेताजी को तारीख का अनुमान, कुर्बानियों का ये कैसा सम्मान?

Dabra News : हर साल 23 मार्च को महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह की जयंती मनाई जाती है, जिन्होंने भारत के स्वाधीनता के लिए अपना सर्वस्व अर्पण किया था। बता दें कि भगत सिंह महज 23 साल की उम्र में शहीद हुए थे, जब उन्हें ब्रिटिश सरकार द्वारा फाँसी की सज़ा सुनाई गई थी। अपने जीवन के अंतिम क्षणों तक उन्होंने भारत की आजादी के लिए संघर्ष किया और इसके लिए वह अपने संघर्ष में संगठित होकर लोगों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहे।

न प्रशासन को समय न नेताजी को तारीख का अनुमान, कुर्बानियों का ये कैसा सम्मान?

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Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है। पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।