यूजीसी कमेटी द्वारा कोर्स के ड्राफ्ट को तैयार कर लिया गया है। वहीं यूजी-पीजी के छात्रों को इस पूरे कोर्स को 75 घंटे पढ़ाया जाएगा या 40 घंटे की थ्योरी के अलावा 30 घंटे के प्रैक्टिकल छात्रों को करवाया जाएंगे। 6 अक्टूबर को सेवर जागरूकता दिवस 2022 के मौके पर एक वेबीनार का आयोजन किया गया था। जिसमें प्रोफेसर जगदीश कुमार ने इसकी घोषणा की है।
मामले में यूजीसी प्रमुख का कहना है कि साइबर सिक्योरिटी का मकसद छात्रों को अधिक जागरूक और जिम्मेदार बनाना है। साथ ही डिजिटल तरीके से छात्र डिजिटलाइजेशन सुविधा का लाभ उठा सकें। इसके लिए साइबर सिक्योरिटी फोर्स और इको सिस्टम तैयार करना इसका लक्ष्य है। वही यूजी और पीजी लेवल पर इस कोर्स क्लास के लिए उच्च शिक्षण संस्थान साइबर सुरक्षा कंप्यूटर आईटी की क्वालिफाइड फैकेल्टी एक्सपोर्ट लेक्चर प्रैक्टिकल और ट्यूटोरियल आयोजित किया जा सकता है।
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छात्रों को इस कोर्स में पासवर्ड सुरक्षित रखने के अलावा फोन एप्लीकेशंस को मैनेज करने, डिजिटल पेमेंट, सिक्योरिटी सिस्टम को समझने, साइबर अटैक से बचने की सलाह सहित वाईफाई और अन्य दूसरे तकनीकी समस्याओं के समाधान ढूंढने, साइबर कानून, सोशल मीडिया सिक्योरिटी सहित डिजिटल भुगतान और ई-कॉमर्स आदि की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
यूजी पीजी कोर्स में साइबर सुरक्षा का महत्व बहुत अधिक है। इसके जरिए छात्रों को टेक्निकल नॉलेज के अलावा सुरक्षा के लिए अत्यंत जरूरी स्किल से लैस जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही उन्हें साइबर खतरे से बचाया जाएगा। साथ ही इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी आयामों से बचाने के साथ ही स्किल डेवलपमेंट करने के प्लान तैयार किए जाएंगे।
साथ ही साइबरसिक्योरिटी के अधिकार कानून, आर्थिक, पर्यावरणीय सहित नैतिक संदर्भ को भी समझाया जाएगा। ऑनलाइन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारी के इस्तेमाल की जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा साइबरक्राइम और उसके प्रभाव सहित अन्य वैश्विक और सामाजिक संदर्भ को समझने में मदद मिलेगी।