राज्य सरकार पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के बाद अब झारखंड के 2 लाख सरकारी कर्मचारियों कैशलेस स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दे सकती है। विधानसभा की प्रत्यायुक्त समिति की पहल के बाद इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग ने प्रक्रिया आगे बढ़ाई है। स्वास्थ्य विभाग इस योजना को लेकर मापदंड तय करेगा़ जिसके आधार पर एजेंसी के चयन की प्रक्रिया होगी़ विभागीय मापदंड के आधार पर सरकार राज्यकर्मियों के लिए अस्पतालों के नाम का पैनल भी तैयार कर सकती है।
MP Weather: 3 अक्टूबर से बदलेगा मौसम, छाएंगे बादल, 18 जिलों में आज बारिश के आसार, पढ़े विभाग का पूर्वानुमान
बता दे कि 25 अक्तूबर 2014 में राज्य सरकार ने राज्यकर्मियों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने का संकल्प जारी किया था़ पिछले 12 वर्षों से सरकार का यह संकल्प लागू नहीं हो पाया है।हालांकि अब स्वास्थ विभाग के कर्मचारियों की सहमति के बाद कार्रवाई शुरू हो गई है। हालांकि अंतत: यह सरकार को ही तय करना है कि कब और कैस लागू करना है या नहीं है़। फिलहाल राज्य के कर्मियों को 1000 के हिसाब से स्वास्थ्य भत्ता देय है़, कैश लेस स्वास्थ्य बीमा के बाद यह सुविधा बंद हो जाएगी।वही कर्मचारी सरकारी के साथ साथ निजी अस्पतालों मे भी इलाज करा पाएंगे।
पदोन्नति का प्रस्ताव अस्वीकार
दरअसल, हाल ही में मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के समग्र शिक्षा अभियान के तहत कार्यरत अनुबंध कर्मचारियों की प्रोन्नति के प्रस्ताव को स्थगित कर दिया गया है।समिति ने कहा कि पहले परिषद मानव संसाधन नीति तैयार करे, तबतक यह प्रस्ताव स्थगित रखने को कहा गया। खास बात ये है कि पहली बार किसी परियोजना या अभियान में अनुबंध पर कार्यरत कर्मियों की प्रोन्नति का प्रस्ताव तैयार किया गया था।
ये रखी गई है शर्ते
परिषद द्वारा लाए प्रस्ताव के अनुसार, समग्र शिक्षा अभियान के विभिन्न पदों में 50 प्रतिशत पद प्रोन्नति से भरे जाने तथा इतने ही पदों पर सीधी नियुक्ति होगी। इसमें प्रखंड से लेकर जिला और राज्य स्तर के कर्मचारियों को परफारमेंस अप्रेजल रिपोर्ट के आधार पर प्रोन्नति दी जाएगी, लेकिन उनके विरुद्ध किसी तरह की विभागीय या अनुशासनिक कार्यवाही का दंड नहीं लगा हो।