जीवनशैली, डेस्क रिपोर्ट। गुलाब (Rose) सेहत और खूबसूरती दोनों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। गुलाब जल के गुलाब का इस्तेमाल स्किन को स्किन को स्मूथ ब्यूटीफुल और ग्लोइंग बनाने के लिए किया जाता है। गुलाब जल हो या भूल गए दोनों ही रूप में गुलाब का इस्तेमाल बहुत ज्यादा लाभकारी माना जाता है। लेकिन क्या आपको पता है गुलाब का इस्तेमाल वजन घटाने के लिए भी किया जाता। तो आइए जानें कैसे गुलाब वजन घटाने में मददगार साबित हो सकता है।
स्टडी के मुताबिक गुलाब में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो वजन घटाने में फायदेमंद होते। गुलाब से बनी (Rose Tea) चाय सेहत के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है। यह ना सिर्फ पूरे शरीर को डिटॉक्स करता है, बल्कि वजन घटाने में भी बहुत सहायक मानी जाती है। यदि आप भी अपना वजन घटाने की कोशिश कर रहे हैं तो अपनी डाइट में गुलाब के चाय को शामिल जरूर करें।
यह आपके वजन को घटाने के अलावा एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा भरपूर होने से यह बालों और स्किन भी हेल्दी बनाता है। इन्फ्लेमेशन और वजन एक दूसरे से लिंक होते हैं। गुलाब से बनी चाय से इन्फ्लेमेशन जैसी समस्याएं दूर होती है, जो वजन घटाने में मददगार होता है। साथ ही इसमें कैफीन की मात्रा ना के बराबर होती है, जो वजन को बढ़ने नहीं देता। पाचन तंत्र और वजन दोनों एक दूसरे से जुड़े होते हैं। सही पाचन क्रिया ना होने के कारण वजन बढ़ता है। कॉन्स्टिपेशन जैसी समस्याएं भी होती है। गुलाब से बनी चाय का सेवन करने से पाचन प्रक्रिया सुधरती है, जिससे वजन पर भी असर पड़ता है। आप गुलाब की चाय ताजे पंखुरियों और सूखे पंखुरियों के पाउडर से भी बना सकते हैं। कहा जाता है की इसका सेवन करने से वजन तेजी से घटता है और शरीर का मेटाबॉलिज़्म भी संतुलित होता है।
Disclaimer: इस खबर का उद्देश्य केवल शिक्षित करना है। हम इं बातों का दावा नहीं करते है। कृपया विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें।
About Author
Manisha Kumari Pandey
पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।
अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"