सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि एक तकलीफ जरूर मन में होती है की आयुर्वेदिक में जो रिसर्च अनुसंधान होने चाहिए थे वह नहीं हुए, लेकिन अटल जी ने यह परंपरा प्रारंभ की।मध्यप्रदेश में आप के निर्देशन और मार्गदर्शन में, आयुर्वेद का एक बेहतरीन रिसर्च सेंटर प्रारंभ करने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हर जिला चिकित्सालय में हमने आयुर्वेद के माध्यम से चिकित्सा की व्यवस्था कर दी है। हम आयुर्वेद के साथ अन्य विधाओं को भी तेजी से परिष्कृत करने के लिए प्रयास कर रहे हैं ।हमने तय किया है कि मध्यप्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयों में आयुष विभाग अलग से स्थापित कर उसमें आयुर्वेदिक चिकित्सा की व्यवस्था की जाए। इसकी शुरुआत की जा रही है। इसमें पंचकर्म जैसे चिकित्सकीय उपाय भी शामिल होंगे।
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सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पहले जब एलोपैथी डॉक्टर गांव-गांव में नहीं थे, तब इलाज के लिए सहारा वैद्य राज होते थे। वैद्य राज मात्र नाड़ी देख कर ही इलाज कर देते थे। आयुर्वेद का मार्ग भारत ने विश्व को तब दिखाया जब कई देशों में सभ्यताओं का भी उद्भव नहीं हो सका था। एक संपूर्ण चिकित्सा पद्धति जिसमें रोग हो ही न और इसकी शुरूआत योग से होती है। ऐसा खाओ जो शरीर के लिए उपयोगी हो, जो रोग पैदा न करे। पित्त, कफ, वात तीनों का संतुलन बना रहे है।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्राचीन उपचार की पद्धतियों में शोध, अनुसंधान होना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी इसे आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। माननीय राष्ट्रपति महोदय श्री रामनाथ कोविंद जी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश में हम आयुर्वेद पर शोध के लिए संस्थान की स्थापना करेंगे।