चंडीगढ़, डेस्क रिपोर्ट। पंजाब में चुनाव सर पर हैं और ऐसे में चल रहा राजनीतिक ड्रामा किसी टीवी सीरियल से कम नहीं। बात करें बीते कुछ महीनों की तो जितनी जल्द बदलाव इस राज्य की राजनीति में देखने को मिले शायद ही कहीं देखे गए हों, और अगर इन बदलवों के नतीजे की बात करें तो पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का इस्तीफा सबसे बड़ी हाइलाइट रहा।
सिद्धू के पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद ही अमरिंदर के खफा होने की खबरें पंजाब की हवाओं में आने लगी थीं, मगर आलाकमान तो मानो अपनी ही धुन में मस्त था, जिसका नतीजा उन्हें अमरिंदर के इस्तीफे के रूप में झेलना पड़ा।
कैप्टन के इस्तीफे के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अमित शाह के साथ उनकी मुलाकात ने एक बार फिर राजनीति की अंगीठी में आग जला दी। कयास लगाए जाने लगे कि कैप्टन शायद भाजपा का दामन थाम लेंगे। पर आज अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से इन सभी कयासों पर पूर्व मुख्यमंत्री ने पूर्णं विराम लगा दिया है।
आपको बता दें हाल ही में कैप्टन ने अपने मीडिया ट्विटर हैंडल से लगातार ट्वीट कर कहा है कि “पंजाब के भविष्य के लिए लड़ाई जारी है। अपने लोगों के लिए, तीन साल से आंदोलन कर रहे किसानों के लिए और पंजाब के भविष्य के लिए मैं अपनी खुद की पार्टी जल्द ही लॉन्च करूंगा”।
इसी श्रेणीं में एक और ट्वीट करते हुए कैप्टन ने लिखा कि ” यदि किसान आंदोलन किसी सुखद निष्कर्ष पर पहुंचता है तो वे बीजेपी के साथ सीट शेयर करने के बारे में उम्मीद कर सकते हैं, इतना ही नहीं एक धारा की सोच रखने वाली पार्टियां जैसे ढींडसा और ब्रह्मपुत्र फैक्शन के साथ भी वे गठबंधन करने के बारे में विचार कर सकते हैं।
आपको बता दें 18 सितंबर को अमरिंदर सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था जिसके बाद पंजाब की राजनीति ने एक नया मोड़ ले लिया है, अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में ऊंट किस करवट बैठेगा।
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Gaurav Sharma
पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।
इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।