दरअसल, सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी तय करने में फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) एक अहम रोल प्ले करता है।इससे कर्मचारियों के वेतन में ढाई गुना से अधिक की वृद्धि होती है। इसी के आधार पर पुरानी बेसिक पे से रिवाइज्ड बेसिक पे की कैलकुलेशन की जाती है। आखिरी बार 2017 में एंट्री लेवल बेसिक पे 7000 रूपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 18000 रूपये की गई थी। 2022 में इसके लागू होने से लेवल मैट्रिक्स 1 से केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 26,000 रुपये से शुरू हो जाएगी।
दरअसल, वर्तमान में केन्द्रीय कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 2.57 फीसदी है और बेसिक न्यूनतम सैलरी 18000 और अधिकतम सैलरी 56000 है। कर्मचारी लगातार इसे बढ़ाने की मांग कर रहे है ताकी बेसिक सैलरी में इजाफा हो सके।इसको लेकर वे कई बार ज्ञापन भी सौंप चुके है। संभावना है कि आगामी चुनावों से पहले मोदी सरकार केन्द्रीय कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर पर विचार कर सकती है।फिटमेंट फैक्टर को 2.57 फीसदी से बढ़ाकर 3.68 फीसदी तक किया जा सकता है।अगर सहमति बनती है तो इससे बेसिक सैलरी में 8000 का इजाफा होगा और बेसिक सैलरी 18000 से बढकर 26000 हो जाएगी ।
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अगर केन्द्र की मोदी सरकार फिटमेंट फैक्टर बढ़ाती है तो अलग अलग लेवल के कर्मचारियों को 49000 से 96000 तक तक वेतन में लाभ मिलेगा। वर्तमान में केन्द्रीय कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना है, इसी आधार पर न्यूनतम बेसिक सैलरी 18000 रुपये है और अधिकतम बेसिक सैलरी 56900 रुपये है। यदि किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है, तो भत्तों को छोड़कर उसकी सैलरी 18,000 X 2.57= 46,260 रुपए का लाभ होगा। 3.68 होने पर सैलरी 95,680 रुपये (26000 X 3.68 = 95,680) हो जाएगी यानि सैलरी में 49,420 रुपए लाभ मिलेगा।इससे 52 लाख से ज्यादा कर्मचारी लाभान्वित होंगे।