नए साल में पुलिस के पास पहुंची एक बहन और खिल गया चेहरा, ये है इसकी वजह

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। पुलिस (Police)का काम आमतौर पर समाज की रक्षा करना और अपराधमुक्त वातावरण बनाते हुए अपराधियों को सजा दिलाना होता है लेकिन कम्युनिटी पुलिसिंग के माध्यम से पुलिस समाज के साथ दोस्ती भी कर रही है इसी का नतीजा है कि लोग अब पुलिस (Gwalior Police) के पास जाने से कम घबराते है। कुछ लोग तो ऐसे भी होते हैं जो पुलिस के पास जाकर खुश हो जाते हैं। आपको बताते हैं पूरी खबर।

ग्वालियर (Gwalior News) में मोबाइल गिर जाने, मोबाइल खो जाने जैसी घटनाओं को पहले सामान्य घटना मानकर गंभीरता से नहीं लिया जाता था लेकिन एंड्रॉइड फोन आ जाने और दुनिया के डिजिटल हो जाने के बाद मोबाइल व्यक्ति के लिए सबसे महत्वपूर्ण वस्तु हो गया। ग्वालियर पुलिस ने भी इस महत्व को समझते हुए ऐसी घटनाओं को गंभीरता से लेना शुरु किया जिसके अच्छे परिणाम सामने आये।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....