इंदौर, स्पेशल डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर (Indore News) में गुरुवार सुबह एक इलेक्ट्रॉनिक शॉप पर लगी आग (Electronic Shop Fire) ने कोहराम मचा दिया। आग इतनी भयावह थी कि पूरे इलाके में खौफ फैल गया। आगजनी के दौरान अचानक ब्लास्ट हो गया उधर आग बुझाने के प्रयास में ब्लास्ट के दौरान 2 दमकलकर्मी झुलस गए साथ ही पड़ोस में रहने वाले एक शख्स को भी चोट पहुंची है।
दरअसल, इंदौर के एमआईजी थाना क्षेत्र के पाटनीपुरा इलाके की पूरी घटना है। जहां किसी साहू नामक व्यक्ति की पूजा इलेक्ट्रॉनिक नामक शॉप है। इस शॉप में अचानक अल सुबह आग लग गई जिसके चलते शॉप में रखा करोड़ों रुपये का सामान जलकर खाक हो गया। बताया जा रहा है कि शॉप में फ्रिज, वाशिंग मशीन, टीवी सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान था।
आग लगने के बाद अलर्ट हुई फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और आग बुझाने का प्रयास शुरू किया। इसी दौरान आगजनी के चलते बड़ा धमाका हुआ जिसके चलते दो दमकलकर्मी और एक अन्य शख्स घायल हो गया। इसके बाद दोनों जवानों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया। दमकल अधिकारी के मुताबिक दुकान में किसी भी तरह से सेफ्टी मेजर का ध्यान नहीं रखा गया था साथ ही नगर निगम से भी कोई परमिशन नहीं ली गई थी। अब फायर पुलिस शॉप के मालिक पर कार्रवाई कर रही है।
बताया जा रहा है कि घायल दमकलकर्मियों के नाम अविनाश और लोकेश है। वहीं दुकान के पास में रहने वाले चोटिल शख्स का नाम महेश गहलोत है। घायल महेश की माने तो दुकान में आगजनी के खतरे से वो पहले ही आशंकित था और इस मामले को लेकर उसने दुकान मालिक को शिकायत भी की थी। वहीं दमकल अधिकारी की माने तो आग बुझाने के दौरान भी दुकान मालिक ने दुकान में गैस सिलेंडर होने की जानकारी नहीं दी थी जिसके चलते दमकलकर्मी घायल हुए।
बता दे कि लक्ष्मीबाई नगर, गांधी हाल और मोती तबेला से दमकल की 12 से अधिक गाड़ियों ने आग बुझाने में कामयाबी हासिल की है। कहा ये भी जा रहा है कि यदि वक्त रहते मौके पर दमकल की टीम नहीं पहुंचती तो और भी बड़ा हादसा हो जाता। फिलहाल, आग पर काबू पा लिया गया है और दमकल के अधिकारी आग लगने की वजह और नुकसान का पता लगाने में जुटे है।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....