भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए ओपन इलेक्शन के एलान के बाद कांग्रेस (Congress National President Election) में घमासान मचा हुआ है। राजस्थान में हुई नूराकुश्ती के बाद अशोक गहलोत की के पद की दौड़ से बाहर होने के बाद कल मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) की एंट्री हुई लेकिन आज उन्होंने भी कदम वापस खींच लिए और मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना नेता बताकर उनका प्रस्तावक बनने की घोषणा की। लेकिन दिग्विजय सिंह के पीछे हटने की वजह मध्य प्रदेश के गृह मंत्री एवं सरकार के प्रवक्ता डॉ नरोत्तम मिश्रा (Dr Narottam Mishra) ने कुछ और ही बताई है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव इस समय देश की सबसे बड़ी खबर है, हर किसी की नजर इस बात पर है इस बार कौन होगा कांग्रेस का अध्यक्ष ? यानि गांधी परिवार से अलग किसपर कांग्रेस आलाकमान यानि सोनिया गांधी भरोसा करती हैं।
इस बीच कई नेता सामने आये जिन्होंने खुद को गांधी परिवार का विश्वसनीय बताते हुए नामांकन भरने की घोषणा की।इनमें अशोक गहलोत सोनिया गांधी की पसंद के रूप में सामने आये लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री पद का मोह नहीं छूटने से उन्होंने किरकिरी करा ली और वे रेस से बाहर हो गए।
शशि थरूर शुरू से ही चर्चा में चल रहे हैं , मल्लिकार्जुन खड़गे, कुमारी शैलजा का भी नाम सामने आया और दिग्विजय सिंह ने भी मैदान में उतरने की घोषणा कर दी। शशि थरूर और दिग्विजय सिंह ने गले मिलती पोस्ट शेयर करती हुए एक दूसरे के खिलाफ दोस्ताना मुकाबले की बात तक कह दी।
लेकिन इस बीच आज नामांकन भरने के अंतिम दिन फिर बदलाव हुआ और दिग्विजय सिंह बैकफुट पर आ गए और सामने आया मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम, दिग्विजय सिंह ने कहा कि खड़गे उनके नेता हैं वे उनके प्रस्तावक बनेंगे नामांकन नहीं भरेंगे।
दिग्विजय सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की दौड़ से पीछे हटने के फैसले पर भाजपा कहां चुप बैठने वाली थी। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने इसे कमल नाथ की चाल बताया। डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कमलनाथ बहुत सीनियर नेता हैं उनकी चक्की धीमी चलती है लेकिन पिसती बहुत बारीक़ है। उनकी 10 जनपथ में अंदर तक पैठ है वो राजा को अध्यक्ष बनने ही नहीं देंगे, मैंने पहले ही कहा था । कमल नाथ प्रदेश अध्यक्ष और उनका सो कॉल्ड छोटा भाई राष्ट्रीय अध्यक्ष ? संभव ही नहीं होने देंगे।
— Dr Narottam Mishra (Modi Ka Parivar) (@drnarottammisra) September 30, 2022
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....