भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। हम सभी सपने (Dreams) देखते हैं। कभी खुली आंखों से तो कभी बंद आंखों से। सपने हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है। इनके बिना नींद का भी मुकम्मल वजूद नहीं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हम सपने क्यों देखते हैं। आखिर हमें सपने क्यों आते हैं और इनके पीछे क्या रहस्य है।
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हमारे वेद पुराणों में भी स्वप्न के बारे में विस्तार से लिखा गया है। रामचरित मानस में सपनों पर विस्तृत चर्चा है वहीं शास्त्रों में भी इसका उल्लेख है। सपने नींद में दिमाग में होने वाली क्रियाओं का परिणाम है। ये एक ऐसी अवस्था होती है जब हम न तो पूरी तरह सोए होते हैं न ही पूरी तरह जागृत। इन दोनों के बीच की तुरीयावस्था में हमें सपने आते हैं। वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबक रात में हर व्यक्ति को दो तीन बार सपने आते हैं। हालांकि इसे लेकर भी सबके अलग अलग मत है क्योंकि कुछ लोगों का कहना है कि उन्हें बहुत सपने आते हैं तो किसी का कहना है कि उन्हें बिल्कुल सपने नहीं दिखते। ये भी कहा जाता है कि व्यक्ति की जो मानसिक स्थिति होती है उसे उससे संबंधित सपने अधिक दिखते हैं। इसी तरह अपने प्रियजनों, हालिया घटी घटनाओं, अतीत और अगर मन में कोई डर है तो उससे जुड़े सपने भी दिखाई देते हैं।