शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम हिंदी में चिकित्सा पाठ्यक्रम-हितानंद शर्मा

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक ट्वीट में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के संबंध में लिखा था “राष्ट्रीय शिक्षा नीति से प्रेरणा लेते हुये अब सभी तकनीकी शिक्षा के विषयों को मातृभाषा में पढ़ाने की कोशिश की जायेगी, इंजीनियरिंग व चिकित्सा सहित“ और अब मध्यप्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार व ऐतिहासिक पहल कर एमबीबीएस हिंदी माध्यम में आरंभ करने वाला देश का पहला राज्य होने जा रहा है। स्वाभाविक है इस शैक्षणिक अनुष्ठान में शासन की मंशा, योग्य शिक्षाविदों का परिश्रम व माननीय प्रधानमंत्री जी का स्वप्न साकार होने जा रहा है तो इस अभूतपूर्व पहल पर देश ही नहीं वैश्विक परिदृश्य में स्वागत के साथ-साथ गंभीर चिंतन अवश्य होगा। यह कहना है बीजेपी के मध्यप्रदेश प्रदेश महामंत्री का।

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भारतीय शिक्षा पद्धति के अंतर्गत उच्च शिक्षा प्रणाली में मातृभाषा व भारतीय भाषाओं को वह महत्व नहीं मिला या दिया गया जिसकी वह वास्तविक पात्र हैं। सामान्यतः सीखने व सिखाने की यह प्रक्रिया एक विदेशी भाषा के ही अधीन रही है। किंतु राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एन ई पी) 2020 के आगमन ने एक बड़े बदलाव का शुभारंभ किया है। वर्तमान समय जो कि स्वतंत्रता का अमृतकाल है और राष्ट्र अपने सांस्कृतिक, धार्मिक, सामाजिक व आध्यात्मिक पुनर्जागरण के मानकों को स्थापित होते देख रहा है, ऐसे में यह आवश्यक हो गया है कि हम उच्च शिक्षा के माध्यम के रूप में मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषाओं के उपयोग पर ध्यान दें।


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Harpreet Kaur