विपरीत परिस्थितियों में सफलता का मार्ग दिखाता है धैर्य- प्रवीण कक्कड़

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। किसी कार्य में सफलता या लक्ष्‍य (goal) हासिल करने के लिए सबसे जरूरी क्‍या है… कोई कहेगा योग्‍यता, कोई साहस तो कोई भाग्‍य (Luck) लेकिन इन सबसे भी अधिक जरूरी एक भाव है और वह है धैर्य (Patience)। धैर्य वह गुण है जो विपरीत परिस्थितियों में भी आपको सफलता का मार्ग दिखाता है। धैर्य से विवेक मिलता है, विवेक से योजना और सही योजना हमें लक्ष्‍य की ओर ले जाती है। याद रखिए जीवन की गाड़ी में अगर धैर्य का गेयर डाल दिया तो सफलता भले थोड़ी देर से मिले लेकिन दुर्घटना कभी नहीं होगी।

कई बार जब हम लक्ष्‍य के काफी पास होते हैं तो भ्रम के बादल हमारा मार्ग भटका देते हैं। कभी हम भ्रम में फंस जाते हैं तो कभी भ्रम को ही लक्ष्‍य मान लेते हैं और वास्‍तविक लक्ष्‍य से दूर हो जाते हैं। जब हमें इस बात का अहसास होता है तो परिस्थिति या भाग्‍य को कोस कर अपनी भूमिका की इतिश्री कर लेते हैं लेकिन अगर ऐसी विपरीत परिस्थिति में धैर्य रखा जाए तो न हमारा मन अधीर होगा न ही हम हार मानेंगे। याद रखिए अगर धैर्य आपके साथ है तो जीवन में ऐसा कोई कार्य नहीं जिसे सुधारा या बेहतर न किया जा सके।


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