मुंबई, डेस्क रिपोर्ट। बुधवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक बड़ी घोषणा की है। केन्द्रीय बैंक ने रेपो रेट (Repo rate) में बढ़ोतरी कर दी है। 2020 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब आरबीआई ने रेपो रेट में वृद्धि की है। तत्काल प्रभाव से रेपो दर को 40 आधार अंकों से बढ़ाकर 4.40% कर दिया है, इसी के साथ रेपो रेट में 50bps की बढ़ोत्तरी हुई है। देखा जाए तो आरबीआई का यह कदम चौकाने वाला है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास के मुताबिक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) को सर्वसम्मति से नीति रेपो दर को 40 आधार अंक या 0.40 प्रतिशत बढ़ाने के लिए मतदान किया है। रेपो रेट बढ़ने के कारण भारतीय अर्थव्ययवस्था में काफी बदलाव भी देखने को मिलेंगे।
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रेपो रेट एक ऐसा ब्याज दर है जिस पर आरबीआई बैंकों को लोन देता है। रेपो रेट में हुई इस बढ़ोत्तरी के कारण अब कर लोन, होम लोन और अन्य लोन भी महंगे हो चुके हैं। देखा जाए तो यह लोन लेने वाले उपभोक्ताओं के लिए बुरी खबर है। हालांकि इसकी चर्चा खबर काफी पहले से हो रही है, जो अब लागू भी हो चुका है। जब भी कमर्शियल बैंक को धन की कमी होती, वो आरबीआई से उधर लेते हैं, जिसे सेंट्रल बैंक एक निर्धारित रेट पर डेटा है, उस रेट को रेपो रेट कहते हैं।