पंचायत चुनाव ओबीसी रिजर्वेशन के साथ होना तय! मंत्री बोले – “जान देकर भी OBC आरक्षण लागू करेंगे”

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में पंचायती राज के चुनाव ओबीसी वर्ग के आरक्षण के साथ ही होंगे। विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव के दौरान हुई चर्चा से सरकार का यह रुख स्पष्ट हो गया है कि वह हर हाल में ओबीसी वर्ग का आरक्षण लागू करेगी।

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 राज्य में पंचायती चुनावों के भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है। हर किसी के जेहन में यह सवाल है कि क्या यह चुनाव टाले जाएंगे? इस सवाल की वजह बनी है विधानसभा में स्थगन पर हुई चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के द्वारा दिया गया वक्तव्य। भूपेंद्र सिंह ने तो यहां तक कह दिया कि “इस फोरम के माध्यम से, सदन के माध्यम से मैं यह कहना चाहता हूं कि अगर जान भी देना पड़े तो जान दे देंगे, परंतु ओबीसी के आरक्षण को किसी भी कीमत पर हम रुकने नहीं देंगे। हमारी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।” इतना ही नहीं चर्चा मे सबसे अंत में बोलते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा OBC के आरक्षण को इन चुनावों में जारी रखने के लिए हमारी सरकार और केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में जा रही है और हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि OBC आरक्षण के साथ ही चुनाव हो, यह व्यवस्था करने में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पिछले कई दिनों से वे दिन-रात विधि वेत्ताओ के साथ प्रधानमंत्री, गृहमंत्री सबके साथ संपर्क में रहकर इस बात के लिए प्रयत्नशील थे कि कैसे ओबीसी वर्ग को उसका अधिकार दिलाया जाए और अभी भी उसी के लिए काम कर रहे हैं। इस पर नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने यह जरूर कहा कि मुख्यमंत्री ने यह आश्वासन अगर दो दिन पहले दे दिया होता तो हमारे स्थगन का प्रश्न ही नहीं आता।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।