भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। स्कूल शिक्षा विभाग (School Education department) में ट्रांसफर की प्रक्रिया (MP Teachers transfer policy) शुरू हो गई है। शिक्षकों द्वारा ट्रांसफर के लिए आवेदन देने की शुरुआत भी की जा चुकी है। हालांकि ट्रांसफर के लिए आवेदन की तिथि की घोषणा के बाद से ही माननीयों के घर लाइन लगने शुरू हो गए थे। जिसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा एक नवीन आदेश (order) जारी करना पड़ा। जिसमें कहा गया कि स्वैच्छिक ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन ही मान्य किए जाएंगे।
जारी आदेश में कहा गया कि शिक्षकों को स्वैच्छिक स्थानांतरण के लिए पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए निर्धारित प्रक्रिया भी अपनाई गई है। वहीं प्राथमिक और वरीयता के आधार पर उनके द्वारा चाही गई संस्थाओं में वरीयता क्रम में रिक्त पद पर स्थानांतरण किया जा सकेगा।
शिक्षा विभाग के नए ट्रांसफर नीति के तहत 10 साल तक शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों में भेजा जाएगा। साथ ही स्वैच्छिक स्थानांतरण प्रक्रिया में शामिल होने वाले सभी शिक्षकों को 5 से 10 साल तक ग्रामीण स्कूलों में सेवा देना अनिवार्य होगा। 3 साल से सेवानिवृत होने वाले गंभीर बीमारी या विकलांग या कम से कम 1 साल की सेवा के साथ 40% या उससे अधिक निशक्तजन होने पर शिक्षकों को तबादले में राहत मिलेगी।
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वहीं इन शिक्षकों को ट्रांसफर पॉलिसी में छूट दी जाएगी
- रिटायरमेंट में 1 साल से कम समय होने पर उन्हें प्रशासनिक आधार पर ट्रांसफर नहीं दिया जाएगा। स्वैच्छिक ट्रांसफर के बाद 3 शैक्षणिक सत्र तक उनके आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।
- इसके अलावा लेट रिटायरमेंट में 1 साल से कम समय होने की स्थिति में 40% या उससे अधिक निशक्तता के साथ गंभीर बीमारी होने पर सर प्लस मानकर उनके तबादले नहीं किए जा सकेंगे।
- ऐसे शिक्षक दिन के रिटायरमेंट में 3 साल बच्चे हैं यह वह गंभीर बीमारी से पीड़ित और विकलांग है उन्हें ट्रांसफर प्रक्रिया से अलग रखा जाएगा।
- किसी भी कैडर यानी 200 की संख्या तक के कैडर में 20% और उसे अधिक के कैडर में 15% तक तबादले हो सकेंगे।
वहीं अभी नीति के तहत 10 साल या इससे अधिक एक ही संस्था में पदस्थ शिक्षकों को शिक्षा व अन्य कम शिक्षक वाले गांव में स्कूलों में ट्रांसफर किया जाएगा। स्वैच्छिक दबाने के लिए आवेदन करने के लिए ऐसे शिक्षकों को छूट होगी। वही मापदंड में आने वाले टीचरों में न्यूनतम 10% को पहले ही साल तबादले किए जाएंगे। जबकि 10 साल तक शिक्षकों को वहीं पदस्थापित रहना होगा।
इतना ही नहीं नवीन तबादले में आदिवासी इलाके स्थित दूरस्थ इलाके में जाने वाले शिक्षकों को इंसेंटिव का लाभ उपलब्ध कराया जाएगा। 2001 तक नियुक्त टीचर और संविदा कर्मी को 5 साल, 2008 तक नियुक्त संविदा शिक्षक को 7 साल, 2013 तक नियुक्त संविदा शिक्षक को 10 साल और 2018 तक नियुक्त संविदा शिक्षक को 10 साल ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी सेवा देनी होगी।