शास्त्र परंपरा की महापरीक्षा में पहली बार उत्तीर्ण हुई महिलाएं, जगद्गुरु शंकराचार्य ने जताई खुशी

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। शास्त्र परंपरा की महापरीक्षा में पहली बार 2 महिलाएं उत्तीर्ण हुई हैं। विदुषी ऋतुजा बालकृष्ण कुलकर्णी और विदुषी कल्याणी तन्मय हर्डीकर ने न्याशास्त्र में सफलता प्राप्त की है। आधुनिक इतिहास में न्यायशास्त्र को समग्र रूप से पढ़ने वाली तथा महापरीक्षा उत्तीर्ण करने वाली ये पहली महिलाएं हैं। ॠतुजा बाळकृष्ण कुलकर्णी परभणी-महाराष्ट्र निवासी हैं और उन्होने श्रीविद्या पाठशाला, रिवण गोवा में न्यायशास्त्र का संपूर्ण अध्ययन 6 साल में पूर्ण किया। वहीं कल्याणी तन्मय हर्डीकर, माशेल-गोवा निवासी ने वाग्वर्द्धिनी पाठशाला, काणकोण के पण्डित दत्तभार्गव टेंग्सेजी के पास समग्र न्यायशास्त्र का अध्ययन किया है। इनके साथ इस बार विद्वान् सुब्रह्मण्य मंजुनाथ होळ्ळा तथा विद्वान् प्रियव्रत देवदत्त पाटील भी महापरीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं।

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महापरीक्षा के बाद छात्रों के परिश्रम को देखकर जगद्गुरु शंकराचार्य जी ने संतोष व्यक्त किया। प्रथम परीक्षा देने का अवसर प्राप्त महिलाओं का भी उन्होने अभिनंदन किया। परीक्षा आयोजन करनेवाली संस्था दत्त देवस्थान के प्रधान विश्वस्त  संजय क्षीरसागर परीक्षा के दौरान श्रृंगेरी में उपस्थित रहे। संस्था के संस्थापक गुरुदेव क्षीरसागर महाराज के जन्मदिन के अवसर पर अगले फरवरी माह में इन छात्रों को विधिवत् स्नातकपत्र देकर सम्मानित किया जायेगा।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।