ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर पुलिस (Gwalior Police) ने एक ऐसे गिरोह को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है जो लोगों को लॉटरी के नाम पर ठग रहा था, गिरोह ने ग्वालियर के पड़ाव क्षेत्र में अपना ठिकाना बना रखा था। गिरोह के सदस्य हरियाणा रहने वाले हैं। 20 दिनों से शहर में अपना कारोबार चला थे।
ग्वालियर एसएसपी अमित सांघी (Gwalior SSP Amit Sanghi) ने जानकारी दी कि ग्वालियर की मुरार थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच थाना पुलिस ने एक ऐसे शातिर गिरोह को पकड़ने में सफलता हासिल की है जो शहर में लॉटरी का गैरकानूनी कारोबार कर रहे थे।
आज मुखबिर से सूचना मिली कि कुछ लोग रामलीला मैदान मुरार में लॉटरी के नाम पर लोगों को लालच दे रहे हैं। सूचना मिलते ही एडिशनल एसपी क्राइम राजेश दंडोतिया (Adsp Crime Branch Gwalior Rajesh Dandotiya) को निर्देश दिए। एडिशनल एसपी ने क्राइम ब्रांच और मुरार थाने के टीआई शैलेन्द्र भार्गव और उनके थाने के फ़ोर्स के साथ रामलीला मैदान पर दबिश दी।
रामलीला मैदान के पास खड़े कुछ लोगों ने बताया कि यहाँ कुछ लोग कम रुपयों में ज्यादा रुपयों की लॉटरी निकालने की बात कर रहे हैं। पुलिस ने वहां मौजूद 7 लोगों को घेराबंदी कर पकड़ लिया। पूछताछ में पकडे गए युवकों ने बताया कि हम सभी लोग मूलतः फरीदाबाद (हरियाणा) के रहने वाले हैं।
बदमाशों ने बताया गया कि हम लोगों में से कुछ लोग आगे रहकर किसी भी चलते राहगीर को रोकते थे तभी हमारे अन्य साथी पीछे से आकर उक्त व्यक्ति को लॉटरी में मोटी रकम निकलने का झांसा देते थे और हम लोग शुरूआत में उक्त राहगीर की 500-100 रुपये की लॉटरी निकाल देते थे उसके बाद उसे लॉटरी में ज्यादा पैसे लगाकर मोटी रकम इनाम में निकलने का झांसा देते थे और उसके बाद लॉटरी में उसकी 1 या 2 रुपये की लॉटरी निकालकर हम लोग वहां से भाग जाते थे। इस प्रकार हम लोगों द्वारा प्रतिदिन 4-5 लोगों का लॉटरी के नाम पर शिकार बनाते थे।
पकड़े गये आरोपियों के पास से पुलिस ने 50 हजार रुपये नगद, 5 सोने की अंगूठी, 4 सोने की चैन तथा 7 मोबाइल जब्त किये हैं। पकड़े गये ठगों के संबंध में जानकारी प्राप्त करने पर ज्ञात हुआ कि इन लोगों द्वारा थाना हजीरा क्षेत्र में भी लॉटरी के नाम पर ठगी की गई है, जिस पर थाना हजीरा में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। आरोपियों के खिलाफ थाना मुरार में धारा 420 IPC व चिटफंड का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....