Most Expensive Coffee Of World: कॉफी एक ऐसी चीज है जो हर व्यक्ति को पसंद होती है। अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में सभी लोग इसका सेवन करते हैं और कई बार हम कॉफी मीटिंग या डेट पर भी जाते ही हैं। एस्प्रेसो, अमेरिकानो, कैपुचिनो, लाते, मोचा सभी वैरायटी की कॉफी हमें हर जगह पीने को मिल जाती है जिसे खासतौर पर तैयार किया जाता है। हर कोई अपनी पसंद के हिसाब से कॉफी का चुनाव करता है। अब तो कॉफी हॉट और कोल्ड भी हो गई है जो लोगों की अलग-अलग पसंद है।
यह तो कॉफी के वह प्रकार हैं जो हमें अलग-अलग रूपों में तैयार करके दिए जाते हैं। लेकिन इसके अलावा कॉफी कई प्रकार की होती है और आज हम आपको जिस कॉफी के बारे में बताने जा रहे हैं वह दुनिया की सबसे महंगी कॉफी है। यह कॉफी कहां बनाई जाती है कैसे बनती है और इसकी कीमत क्या है इन सभी चीजों के बारे में हम आपको जानकारी देते हैं।
दुनिया की सबसे महंगी कॉफी सिवेट है जो कोपी लुवाक के नाम से जानी जाती है। यह बहुत ही फेमस है और काफी महंगी भी है लेकिन जब आप इसे बनाने की प्रोसेस के बारे में सुनेंगे तो शायद आपका दिमाग थोड़ा घूम सकता है।
पहले तो ये भारत में नहीं मिलती थी लेकिन अब इसे कर्नाटक के कुर्ग जिले में बनाया जाने लगा है। एशिया में भारत कॉफी का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक देश बन चुका है।
ऐसे बनती है सिवेट कॉफी
सिवेट एक ऐसी कॉफी है जिसे चखने के बाद आपके मुंह से वाह के सिवाय कुछ नहीं निकलेगा। लेकिन जब आप इसे बनाने की विधि के बारे में जानेंगे तो शायद फ्री में पीने से भी इनकार कर दें।
जानकारी के मुताबिक यह कॉफी सिवेट नामक पशु के मल से तैयार की जाती है जो बिल्ली की ही एक प्रजाति है। इस जानवर की पूंछ बंदर की तरह लंबी होती है और इको सिस्टम को बेहतर बनाए रखने में इनका महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है।
जानकारी के मुताबिक यह बिल्लियां कॉफी की चेरी खा लेती हैं जब वह अधपकी अवस्था में रहती है। ऐसे में गूदा तो यह पचा लेती है लेकिन गुठली इनके मल के द्वारा वैसी की वैसी बाहर निकल जाती है।
सिवेट के मल से बाहर निकलने के बाद कॉफी के बीन्स को शुद्ध करने का काम शुरू किया जाता है और जर्म्स से मुक्त करने के बाद इसे बनाने की प्रक्रिया शुरू होती है। इन बीन्स को धोकर भूना जाता है और फिर कॉफी तैयार होती है।
इसलिए महंगी है Civet Coffee
सिवेट बिल्ली के खाने के बाद कॉफी के यह बीन्स जब उसके पेट के अंदर मौजूद आंतों से गुजरते हैं तो कई सारे पाचक एंजाइम्स मिलकर इसे स्वाद में बेहतरीन और कई गुणों से भरपूर बना देते हैं। जिसकी वजह से ये काफी लजीज हो जाती है।
सिवेट या लुवार्क कॉफी को अरब की खाड़ी देशों और यूरोप में रहने वाले हाई क्लास परिवार बहुत पसंद करते हैं। विदेशों में इस कॉफी की कीमत 20 से 25000 हजार प्रति किलोग्राम है।
महंगी होने के बावजूद भी हाई क्लास सोसाइटी बड़े पैमाने पर इसका उपयोग करती हैं और इसे बनाने में लगने वाली मेहनत की वजह से ही यह मार्केट में इतने ज्यादा दाम में मिलती है।
कर्नाटक में शुरू हुआ उत्पादन
कर्नाटक भारत का सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक राज्य है और यहां के कुर्ग में इस कॉफी को बनाने का काम शुरू किया गया है। ये उत्पादन फिलहाल छोटे पैमाने पर शुरू किया गया है शुरुआती तौर पर साल 2015-16 में 20 किलोग्राम से इसे शुरू किया गया था जो 200 किलोग्राम तक पहुंच चुका है। उत्पादन बढ़ता देख कई कंपनियां देश में इसके आउटलेट खोलने की तैयारी कर रही हैं।
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Diksha Bhanupriy
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