अक्षय तृतीया : नाबालिग की हो रही थी शादी, प्रशासन ने लिया एक्शन

जबलपुर, संदीप कुमार। अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) हिन्दू पंचांग में वर्णित उन अबूझ मुहूर्तों में से एक हैं जिस दिन उन लोगों की शादियां भी हो जाती हैं जिनकी शादी के मुहूर्त निकलने में कोई समस्या होती है। ऐसे अबूझ मुहूर्त पर हुए विवाह को शुभ माना जाता है। इसीलिए पिछले लम्बे समय से अबूझ मुहूर्तों, बसंत पंचमी, अक्षय तृतीया (आखा तीज) आदि वाले दिन सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किये जाते हैं।

कुछ साल पहले तक सामाजिक संस्थाएं ही इन विशेष अबूझ मुहूर्त पर सामूहिक शादियां करवाती थी लेकिन अब सरकार भी ये काम करती है। प्रदेश में आज अक्षय तृतीया पर सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किये जा रहे हैं। सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन की इसपर पैनी नजर है क्योंकि बहुत से माता पिता अपनी नाबालिग बेटियों की शादी (Minor’s marriage) भी ऐसे आयोजनों में या इस दिन चुपचाप कर देते हैं।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....