पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने लिखा CM शिवराज को पत्र

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक बार फिर पत्र लिखा है, इस बार यह पत्र भूतपूर्व सैनिकों और महिला अभ्यार्थियों के लिए लिखा गया है, दरअसल कुछ दिनों पहले राजधानी भोपाल में भूतपूर्व सैनिकों ने एक बैठक कर विरोध जताया था कि उन्हे म.प्र. पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा वर्ष 2020 में भूतपूर्व सैनिक होने का लाभ नहीं दिया गया था, जबकि नियमानुसार उन्हे इस तरह की भर्तियों में आरक्षण दिया जाता है, भूतपूर्व सैनिकों ने इसका विरोध जताया था, अब इसी मामलें में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है।

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पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि  मध्यप्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2020 में सम्मिलित भूतपूर्व सैनिक एवं महिला अभ्यार्थियों के प्रतिनिधि मंडल द्वारा मुझे अवगत कराया गया है कि म.प्र. पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा वर्ष 2020 में भूतपूर्व सैनिकों को 10 प्रतिशत आरक्षण के लाभ से वंचित रखा गया है।आवेदकगणों ने अवगत कराया है कि प्रोफेशनल एग्ज़ामिनेशन बोर्ड द्वारा जारी की गई नियम पुस्तिका में भूतपूर्व सैनिकों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने का उल्लेख किया गया था। किन्तु पी.ई.बी. द्वारा जारी किये गये प्रारंभिक परिणामों में आरक्षण प्रक्रिया का पालन नहीं करते हुए परिणाम जारी किये गये है। भूतपूर्व सैनिकों को निर्धारित आरक्षण का लाभ नही दिया गया है। पी.ई.बी. द्वारा उक्त भर्ती परीक्षा के परिणाम जारी करने के उपरांत परिणामों में हेरफेर कर पूर्व में क्वालिफाईड अभ्यार्थियों को बाद में अनक्वालिफाईड कर दिया गया है। पी.ई.बी. के उक्त कृत्य से स्पष्ट होता है कि पी.ई.बी. द्वारा अनियमितताएं कर अभ्यार्थियों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। बताया गया है कि महिला अभ्यार्थियों को दिये जाने वाले 33 प्रतिशत आरक्षण में भी अनेक विसंगतियां की गई है। मेरा आपसे अनुरोध है कि पी.ई.बी. द्वारा आरक्षण भर्ती परीक्षा 2020 में पूर्व सैनिकों के लिये आरक्षित 10 प्रतिशत आरक्षण का पालन कराते हुए पुनः परीक्षा परिणाम जारी किया जाये। उक्त परीक्षा परिणामों में हुई गड़बड़ी की उच्च स्तर से जांच कराते हुए अभ्यार्थियों को न्याय दिलाने तथा आरक्षण में अनियमितता करने वाले अधिकारियों के खिलाफ म.प्र. आरक्षण अधिनियम 1994 के प्रावधानों के अनुरूप एफ.आई.आर. दर्ज कराई जाये। तभी गरीब एवं वंचित वर्ग के लोगों के प्रति आपकी कथनी और करनी में एकरूपता नजर आयेगी।


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Harpreet Kaur