Happy New Year 2023 : घर में चाहिए खुशहाली और संपन्नता, नए साल से पहले बाहर करें ये चीजें

Happy New Year 2023 : नया साल महज कुछ घंटों की दूरी पर है और हम सब उसका स्वागत करने को तैयार हैं। नए साल में हम सभी चाहते हैं कि अपने जीवन और घर से नकारात्मकता दूर निकाल फेंके और सुख को न्योता दें। इसके लिए लोग कई तरह के काम करते हैं, न्यू ईयर रेजोल्यूशन लेते हैं, घर की साफ सफाई करते हैं, दफ्तर में नई स्टेशनरी और दूसरे सामान लाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके घर में रखी कुछ वस्तुएं ऐसी भी हैं, जिन्हें तुरंत बाहर कर देना चाहिए। ज्योतिष और वास्तु के हिसाब से ऐसी वस्तुएं रखने से घर में नेगेटिविटी आती है। आज हम आपको ऐसी ही चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं-

  • वास्तु के अनुसार बंद पड़ी घड़ियां शुभ नहीं होती। इन्हें तुरंत अपने घर से बाहर कर दीजिए। जीवन में समय सही रहे इसके लिए घड़ी में भी सही समय दिखना चाहिए। बंद घड़ी बुरा समय लाती है इसलिए इन्हें हटा देना चाहिए।
  • घर में देवी देवताओं की खंडित मूर्ति रखना अशुभ माना जाता है। इससे वास्तु दोष होता है, धन हानि होती है और स्वास्थ्य भी खराब रहता है। इसीलिए किसी भी प्रकार की खंडित मूर्ति या फटा हुआ कैलेंडर जिसमें देवी देवता बने हो, तुरंत हटा दीजिए।
  • टूटे हुए बर्तन कभी भी अपनी रसोई में नहीं रखना चाहिए। मान्यता है कि इससे मां अन्नपूर्णा रूष्ट होती हैं। इन बर्तनों में न खाना पकाना चाहिए न ही परोसना चाहिए। टूटे हुए बर्तन रखने से धन धान्य की कमी होती है।
  • पुराने कपड़े जिनका अरसे से इस्तेमाल नहीं हो रहा और जो बक्से या स्टोर रूम में पड़े हुए हैं, वो भी घर में रखना अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसा करने से कुंडली में बुध ग्रह की दशा खराब होती है साथ ही राहु-केतु की नकारात्मक ऊर्जा आने लगती है।
  • पुराने अखबार और फटी हुई किताबें भी घर से बाहर कर देना चाहिए। इन्हें रखने से विद्या देवी अप्रसन्न होती है। इससे स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति पर भी खराब असर होता है।
  • पुराने जूते चप्पल जो टूट गए हैं या पहनने लायक नहीं है, उन्हें अपने घर से तुरंत निकाल दें। ज्योतिष अनुसार इनका संबंध शनि ग्रह से होता है और शनि की खराब स्थिति से घर में बीमारी और नकारात्मकता आती है

(डिस्क्लेमर : इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है। हम इसे लेकर कोई दावा नहीं करते हैं)


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।