दरअसल, इस मैच में सौरव गांगुली की अगुवाई में भारत ने अपने नाबाद विश्व कप रिकॉर्ड को बरकरार रखते हुए पाकिस्तान को 6 विकेट से मात दी थी। लेकिन यह मैच लोगों के जेहन में सचिन तेंदुलकर और अख्तर के बीच प्रतिद्वंदिता की वजह से है। इस मुकाबले में मास्टर ब्लास्टर ने शोएब के एक ओवर में 18 रन कूटे थे। तेंदुलकर ने सिर्फ 75 गेंदों में 98 रनों की शानदार पारी खेली और 274 रनों के लक्ष्य का पीछा करने में अपनी टीम को 6 विकेट के अंतर से मैच जीतने में मदद की।
इस मैच के बारे में बात करते हुए एक इंटरव्यू के दौरान रावलपिंडी एक्सप्रेस ने बताया कि मैच से वह अपने घुटने की समस्या के कारण अस्पताल में थे और उन्होंने अपने कप्तान वकार यूनुस से कहा कि वह 100% फिट नहीं हैं।
उन्होंने कहा, “मैं मैच से डेढ़ दिन पहले अस्पताल में था। यह मेरे घुटने पर मेरा 25वां या 26वां इंजेक्शन था। मैंने कप्तान से कहा कि मुझे गेंदबाजी करने में थोड़ी दिक्कत हो रही है, मैं इसका पूरा लुत्फ नहीं उठा रहा हूं।”
अख्तर ने तत्कालीन कप्तान वकार यूनिस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि छक्का लगने के बाद उन्होंने मुझे हटा दिया। उन्होंने कहा कि अगर इमरान खान कप्तान होते तो छह छक्के मारने पर भी उन्हें तेज गेंदबाजी करने के लिए कहते।
“अगर इमरान खान होते, तो वह मुझसे कहते, ‘तू भाग के आ और सिर्फ बॉडीलाइन बॉलिंग कर। छक्का पड़ता है तो पड़ने दे। हमें एक विकेट चाहिए। एक तो मिस होगी ही, आप बस तेज दौड़ते रहें और गेंदबाजी करते रहें।
अख्तर ने दावा किया कि अगर उन्होंने सचिन और सहवाग को पहले आउट कर दिया होता, तो वे आधी लड़ाई जीत जाते।
उन्होंने कहा, “अगर मैंने सहवाग और सचिन को वहां आउट कर दिया होता तो हम आधी लड़ाई पहले ही जीत चुके होते। मुझे सबसे तेज गेंदबाज का टैग पसंद था, लेकिन मुझे विकेट चाहिए थे।”
इस मुकाबले में भले ही शोएब ने अपने कोटे के 10 ओवरों में 72 रन दिए लेकिन अंत में उन्होंने ही 98 के स्कोर पर सचिन को आउट किया था।