इससे पहले सुशीला देवी ने महिलाओं के जूडो 48 किग्रा सेमीफाइनल में मॉरीशस की प्रिसिला मोरंड को 10-0 से मात देकर भारत के लिए एक और पदक पक्का किया था। इससे पहले उन्होंने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में मलावी की हैरियट बोनफेस को भी 10-0 से मात देकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया था।
आपको बता दे, भारत के अब पदकों की संख्या 7 हो गई है। जूडो में एक मेडल के अलावा भारत ने वेटलिफ्टिंग में 6 मेडल जीते जिसमें तीन गोल्ड शामिल हैं। वेटलिफ्टर मीराबाई चानू, जेरेमी लालरिनुंगा और अचिंता शेउली ने गोल्ड मेडल जीता वहीं संकेत सरगर और बिंदियारानी देवी ने सिल्वर मेडल जबकि गुरुराजा पुजारी ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। इस दौरान भारत का लॉन बॉल में भी एक मेडल पक्का हो चुका है।
कौन है सुशीला देवी
सुशीला देवी लिकमाबाम का जन्म एक जूडो से जुड़ी हुई फैमिली में हुआ, उनके चाचा भी लिकमाबम दिनित भी एक इंटरनेशनल जूडो खिलाड़ी रह चुके है।
सुशीला देवी ओलंपिक्स में भारत का प्रतिनिधितित्व करने वाली पहली खेली थी, हालांकि, वह मेडल लाने से चूक गई थी। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक 2020 में महाद्वीपीय कोटा से ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था। इससे पहले उन्होंने साल 2014 के ग्लासगो कॉमनवेल्थ खेलों में देश को सिल्वर मेडल दिलवाया था।