सरकार ने बताया कि देश के पांच राज्य में पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया गया है। संसद में वित्त मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी में बताया जा रहा है कि 5 राज्यों की सरकारों द्वारा केंद्र को पुरानी पेंशन योजना को फिर से अपनाने के अपने फैसले के बारे में अवगत कराया गया है। संसद में जानकारी देते हुए वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने महत्वपूर्ण जानकारी दी है। दरअसल बीजू जनता दल के सांसद भर्तृहरि महताब द्वारा केंद्र सरकार से पुरानी पेंशन योजना पर पांच सवाल पूछे गए थे। जिस पर जानकारी पेश की गई है।
सांसदों ने पुरानी पेंशन योजना पर सवाल करते हुए कहा कि क्या देश के राज्य में पुरानी पेंशन योजना क्रियान्वित की जा रही है? यदि हां तो इसका ब्यौरा किया है और इस पर सरकार की प्रतिक्रिया क्या है? इसके साथ ही पूछा कि क्या पुरानी पेंशन योजना कराची सरकार की राशि पर प्रभाव पड़ने की संभावना है? यदि ऐसा है तो OPS के कारण अतिरिक्त वित्तीय भार से राज्य सरकार के खर्च में वृद्धि होने की संभावना है? इस पर केंद्र सरकार की क्या प्रतिक्रिया रहेगी? इसके अलावा पेंशन निधि और विकास प्राधिकरण द्वारा इस संबंध में अब तक क्या कदम उठाए गए हैं?
OPS राशि पर कोई प्रावधान नहीं
वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने लोकसभा में प्रश्न के उत्तर देते हुए बताया की राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल में पुरानी पेंशन योजना को लागू किया गया है। केंद्र सरकार पीएफआरडीए को राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना फिर से शुरू करने के फैसले में बता दिया गया है। पीएफआरडीए अधिनियम के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। जिसके तहत ग्राहकों की संचित राशि सरकार और कर्मचारी का योगदान राज्य सरकार को वापस किया जा सके।
पीएम नरेंद्र मोदी ने दी चेतावनी
इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा गुरुवार को राज्यसभा संबोधन के दौरान कहा गया कि राजीव को वित्तीय संकट से सावधान रहना होगा। पुरानी पेंशन योजना से संभावित उल्लेख में कुछ राज्यों द्वारा फिर से पुरानी पेंशन योजना को अपनाया जा रहा है। ऐसे में पीएम मोदी ने चेतावनी दी है कि राजनीतिक दलों को इस कदम के बारे में सोचना चाहिए और देश के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।
OPS के फायदे
इससे पूर्व भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा भी राज्यों को महंगाई भत्ते से जुड़ी पैनल पुरानी पेंशन योजना को वापस लेने के प्रति आगाह किया गया था। केंद्रीय बैंक ने कहा था कि आने वाले वर्षो में राज्य के राजकोषीय बोझ बढ़ेगा। पुरानी पेंशन योजना के तहत सेवानिवृत सरकारी कर्मचारियों को मासिक पेंशन के रूप में उनकी अंतिम आहरित वेतन का 50% भुगतान कराया जाता है। डीए दरों में वृद्धि के साथ ही यह राशि बढ़ती जाती है।