Amavasya 2022: मार्गशीर्ष अमावस्या आज, इन उपायों से दूर होंगे सारे कष्ट, ना करें ये गलती, जानें क्या करें और क्या नहीं

Margashirsha Amavasya 2022: हिन्दू मान्यताओं में अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण माना है। मार्गशीर्ष अमावस्या पितरों को समर्पित होती है। इस साल 23 नवंबर यानि आज मार्गशीर्ष अमावस्या पड़ रहा है। यह तिथि स्नान-दान करने और पितरों को प्रसन्न करने के लिए बहुत शुभ माना जाता है। पूजा के दौरान कुछ बातों का ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है। वहीं कुछ उपाय आपकी परेशानियों को दूर कर देते हैं। यदि आपके कुंडली में पिर्त दोष हैं, वो इस खास दिन पर कुछ उपाय करले इससे छुटकारा पा सकते हैं। पिर्त दोष के कारण नौकरी, स्वस्थ, सफलता, विवाह में रुकावटें आती हैं।

दोष मुक्ति के लिए करें ये उपाय
  • मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए किसी पवित्र स्थान पर स्नान करके श्राद्ध कर्म पूरा करना शुभ होता है।
  • ब्राह्मणों को भोजन जरूर करवाएं।
  • किसी जरुरतमन्द व्यक्ति को दान दें।
  • विवाह में रुकावट से दूरी पाने के लिए गरीब य जुरतमंड की कन्या की शादी में मदद जरूर करें।
  • पीपल के पेड़ पर कला तिल, दूध, फूल, मिश्री, आर अक्षत दोपहर के समय में चढ़ाएं और फिर चढ़े को जलकों आँखों में लगाएं।
  • शाम को पीपल पेड़ के सामने दीपिक जरूर जलाए।
  • पितरों के नाम से छायादार और फलदार वृक्ष लगाना शुभ होता है।
ना करें ये गलती
  • इस दिन किसी गरीब या जरुरतमन्द को खाली हाथ अपने द्वार से भेजने की गलती न करें।
  • मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन ब्रह्मचार्य का पालन करना चाहिए।
  • कोई भी खास या नया  काम शुरू करना शुभ नहीं माना जाता।
  • किसी भी बेसहारा, बुरगों और गरीबों से दुर्व्यवहार करने की गलती ना करें।

About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"