मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिवंगत पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016 के संसद में दिए अपने एक भाषण ने इस बात के संकेत दिए थे कि सरकार को वेतन आयोग से आगे कर्मचारियों की सैलरी को लेकर विचार करना चाहिए, ऐसे में सुत्रों की मानें तो मोदी सरकार अब नया वेतन आयोग लाने की बजाए नए फॉर्मूले पर विचार कर रही है।मोदी सरकार ऐसी योजना बनाने का प्रयास कर रही है जिसमें 50% DA होने पर वेतन में ऑटोमेटिकली इजाफा हो जाए, इसे ‘ऑटोमेटिक पे रिविजन’ का नाम दिया जा सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्तमान में केन्द्रीय कर्मचारियों को 34% मंहगाई भत्ता मिल रहा है, जो जनवरी 2022 से प्रभावी है और जुलाई में एक बार फिर डीए बढ़ने की उम्मीद है। केन्द्रीय कर्मचारियों को 1 अप्रैल 2022 से 7वें वेतन आयोग के तहत सैलरी का लाभ मिल रहा है। ताजा मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो केंद्र सरकार जल्द ही वेतन आयोग खत्म करने पर विचार कर रही है, ऐसे में 7वें वेतन आयोग के बाद अब 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के आने की उम्मीद कम है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नए फॉर्मूले के तहत केंद्र सरकार निजी कंपनियों के तहत सरकारी कर्मचारियों की परफॉर्मेंस के आधार पर वेतन वृद्धि करेगी है, इसके लिए जल्द नए प्लान लाया जा सकता है, इसका प्रस्ताव तैयार करने पर विचार विमर्श चल रहा है।अगर ऐसा होता है तो अलग अलग लेवल के हिसाब से कर्मचारियों की सैलरी बढ़ेगी। पे लेवल मैट्रिक्स 1 से 5 वाले केंद्रीय कर्मचारी को उनकी कम से कम सैलरी 21 हजार के बीच हो सकती है। हालांकि इस पर अभी तक सरकार की तरफ से कोई अधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।