बीजेपी नेता का कमिश्नर को पत्र, “आप की अराजकता को हमने बल दिया”

इन्दौर, आकाश धोलपुरे। बीजेपी के पूर्व विधायक और वर्तमान में पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती ने इंदौर की नगर निगम कमिश्नर को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने कमिश्नर द्वारा हनुमान की प्रभात फेरी पर लगाए गए जुर्माने का विरोध करते हुए आस्था से खिलवाड़ न करने का अनुरोध किया है।

इंदौर की नगर निगम कमिश्नर को लिखे पत्र में जीतू जिराती ने कहा है कि “गौ माता हमारी आस्था है लेकिन आपके अनुसार दुर्घटना का कारण है। आपकी बात को हमने स्वीकार किया और गौमाता नगरीय सीमा से बाहर कर दी गई। यह हमारी पहली गलती थी जो हमने आपकी बात स्वीकार की और आप की अराजकता को बल दिया। इंदौर स्वच्छता में नंबर वन 5 बार आया, हमने आपको साधुवाद दिया। सड़क चौड़ीकरण में सनातन धार्मिक स्थल हटाकर पीछे किये और अन्य को छूट दी गई। हमने स्वीकार किया, हमारी गलती है क्योंकि माता अहिल्या की नगरी के नागरिकों की सहनशीलता बहुत अधिक है।” जिराती ने पत्र में आगे लिखा है कि “आपने हमारी सहनशीलता की सीमाओं को लांघ कर हमारे आराध्य, हम सब की आस्था के केंद्र भगवान श्री महा रणजीत हनुमान की निकलने वाली प्रभात फेरी पर पेड़ पौधों के नुकसान और स्वच्छता के नाम पर 30000 रू का जुर्माना ठोक दिया है। आपने इरादतन सभी भक्तों का अपमान किया है और यदि 24 घंटे में आपने इस जुर्माने का निराकरण नहीं किया तो हम शहर के विभिन्न चौराहों पर बाबा रणजीत के भक्तों से एक एक रुपए एकत्र कर 30000 रू जुर्माने के एकत्र करेंगे और सभी भक्त” मिलकर भुगतान करेंगे। पत्र के आखिर में जीतू ने लिखा है कि “मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि हमारी आस्था के नाम पर खिलवाड़ बंद करें।”

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जीतू जिराती के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन वर्मा ने भी ट्वीट कर शिवराज सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा “भाजपा के राज में यह कैसा कलयुग आ गया?? इंदौर के रणजीत हनुमान भगवान के मंदिर पर जुर्माना लगा रही शिवराज सरकार?? भगवान से तो डरो कलयुगी मामा!!”

 


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।